बिहार (Bihar) के बेगूसराय में जीविका दीदियों ने ठान लिया कि परिवार के साथ खेती में अब हरित खाद (green manure) का का उपयोग ही करेंगे. जिले में अब बड़े पैमाने पर हरित खाद तैयार की जाने लगी है.
800 से ज्यादा किसान दीदियां कर रहीं उपयोग
जीविका के बेगूसराय जिला परियोजना प्रबंधक अविनाश कुमार ने बताया- "वर्तमान में हरित खाद का निर्माण एवं उपयोग 800 से ज्यादा किसान दीदियों ने शुरू किया. इसमें जिले के 107 पंचायतों को शामिल किया गया. पहले चरण में 244 किसानों के साथ 277 टन हरित खाद का बनाई गई. इसमें 185 पंचायतें शामिल हैं. अब तक 1553 टन हरित खाद का उत्पादन कर लिया. इस उत्पादन में से 1270 टन का उपयोग अलग-अलग फसलों के लिए किया गया."
कम लागत अधिक प्रोडक्शन की बढ़ी समझ
बेगूसराय में किसान दीदियों में फसलों के लिए खेती में कम लागत और अधिक प्रोडक्शन की समझ बढ़ गई. अलग-अलग गांव की किसान दीदियां (Bihar kisan didi) जिनमें प्रियंका कुमारी (वीरपुर), कंचन कुमारी (तेघड़ा), रिंकु देवी (मटिहानी), कविता देवी (सदर), रंजीता देवी कहती हैं- "जब हम परिवार के साथ पहले खेती करते थे तब यूरिया और दूसरी खाद बहुत मंहगी पड़ती थी. जब से हरित खाद को खेत में डालना शुरू डालना शुरू किया, हमारी खेती में लागत काम हो गई. यहां तक कि फसल ज्यादा मिल रही है."
एक लाख टन से ज्यादा खाद की खपत
बेगूसराय जिले में लगभग डेढ़ लाख टन रासायनिक खाद का उपयोग होता है. जबकि यहां पर्याप्त मात्रा में थर्मल का फ्लाई ऐश और गोबर उपलब्ध है. सिर्फ दस प्रतिशत रासायनिक खाद को मिलाकर सौ फीसद फायदा उठाया जा सकता है. अभी एक लाख 36 हजार टन यूरिया की खपत है. हरित खाद का उपयोग कर हम यूरिया खाद को तीन वर्षों में ही दस प्रतिशत से भी कम कर सकते हैं.
हरित खाद (ग्रीन फर्टिलाइजर) तैयार करना किसानों के लिए बहुत सरल है. यह खाद बॉटम ऐश (राख), गोबर, डीएपी एवं यूरिया से तैयार किया जाता है.
पीएम और मंत्री दे रहे खाद को बढ़ावा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रासायनिक खाद को कम कर देशी या हरित खाद का खेती में उपयोग करने को कहा. मोदी ने रासायनिक खाद से ज़मीन खराब होने की बात कही थी. इसका बेगूसराय के किसानों पर बहुत असर हुआ. क्षेत्रीय सांसद और केबिनेट मंत्री गिरिराज सिंह ने भी किसान दीदियों को प्रमोट किया. सिंह ने कहा -"हरित खाद जीविका दीदियों के आर्थिक मजबूती के साथ खेती में प्रोडक्शंस बढ़ाने के रास्ते खुलेंगे.जिस दिन अपनी गाय, अपना खेत और अपना खाद सभी किसानों के पास होगा, उस दिन सही मायने में समाज बदल जाएगा."