Uttar Pradesh के Amroha में Self Help Group की महिलाओं ने अपने खेतों से निकल कर नया रोजगार शुरू किया. Ajeevika Mission का साथ मिला और समूह की आर्थिक स्थिति मजबूत हो गई.
Amroha SHG की jewellery की बढ़ी demand
Amroha के आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं ने मिसाल कायम कर दी. अमरोहा जिले के ढक्का गांव की पुष्पा हरिओम ने वैष्णो स्वयं सहायता समूह बनाया. समूह की पुष्पा बताती है-"मैं पहले अपने परिवार के साथ खेत में मजदूरी करने और सहयोग देने जाती थी.कुछ दिन बाद घर की कमाई बढ़ने के लिए हम कुछ महिलाओं ने artificial jewellery बनाने का काम शुरू किया. इस काम को और तराशने के लिए ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान से आर्टिफिशियल जूलरी बनाना सीखा. मेरे साथ कई महिलाएं जुड़ गईं."
![artificial jewellery new](https://img-cdn.thepublive.com/filters:format(webp)/ravivar-vichar/media/media_files/ILIQbIUs2IL7KMtA2zXt.jpg)
MP के Dewas में इस तरह बनाए जा रहे कंगन (Image:Ravivar Vichar)
स्टॉल्स में अमरोहा के मंगलसूत्र और कंगन पहली पसंद
Amroha के वैष्णो SHG की पुष्पा आगे बताती है- "ट्रेनिंग के बाद हमारे जिले और आसपास के शहरों में लगने वाले मेले और स्टॉल्स में हमारे हाथों के बने मंगलसूत्र,माला,टॉप्स और कंगन ग्राहकों की पहली पसंद बन गए.
इसके अच्छे दाम हमें मिल रहे."
Rural Self Employment Training Institute से बाद में पिंकी, बीना, शशि, सीमा आदि ने ट्रेनिंग लेकर गांव में आर्टिफिशियल जूलरी को अलग-अलग दुकानों की जरिए बेचती हैं.