MP के Sehore जिले में अब महिलाएं उपार्जन केंद्रों पर गेहूं खरीद रहीं.सरकार पिछले कुछ सालों से यह काम SHG की महिलाओं को सौंप रही.समूह की महिलाओं को इस से अलग से कमाई हो रही.
Agriculture और Animal Husbandry का सीखा प्रबंधन
सीहोर जिले के इछावर ब्लॉक अंतर्गत सिराड़ी गांव में सीज़नल गेहूं उपार्जन का काम करने वाले मां दुर्गा समूह की महिलाएं अब आर्थिक मजबूत होने लगीं.समूह की सचिव अनीता बताती है-"मैंने घर पर खेती और पशुपालन में काम का प्रबंधन सीखा.हमारे समूह की सदस्यों ने मिल कर अभी तक 15 हज़ार क्विंटल गेहूं खरीद लिया.इसके अलावा मैं सरकार द्वारा दी गई राशन की दुकान भी संचालित कर रही.सलाना कमाई 5 से 6 लाख रुपए हो जाती."
समूह सदस्य से चर्चा करते हुए अधिकारी (Image: Ravivar Vichar)
अनीता के पति नरसिंह भी परिवार और समूह का सहयोग करते हैं. अनीता के पास समूह में शामिल होने के बाद गाय,भैंस और बकरियां हैं.दूध का बिज़नेस भी कर रहे.खेती से भी आय बढ़ गई.
समूह FPO से जुड़ा तो टर्नओवर पहुंचा लाखों में
सीहोर जिले के ही बिछौली गांव के सहायता समूह सदस्यों ने भी गेहूं उपार्जन का काम संभाल लिया. मां गौरी SHG की संगीता मालवीय ने बताया-"Farmer Production Federation से जुड़ने के बाद हमारे खरीदी का टर्नओवर लगभग 3 करोड़ पहुंच गया.मैं परिवार के साथ पशु पालन और खेती भी करने लगी.लगभग 25 हज़ार रुपए महीना हमारी कमाई हो जाती है."
Sehore Ajeevika Mission के District Project Manager (DPM) Dinesh Barfa बताते हैं-"इछावर ब्लॉक में स्वयं सहायता समूह की महिलाऐं लगातार आत्मनिर्भर और लखपति की श्रेणी में आ रहीं.समय समय पर समूह द्वारा और CIF के साथ CCL Loan में भी मदद की जा रही."
विक्रय केंद्र पर हिसाब रखती समूह सदस्य (Image: Ravivar Vichar)
जिले में 27 गेहूं उपार्जन केंद्रों पर self help group की महिलाएं पूरे आत्मविश्वास के साथ गेहूं खरीदी कर रहीं.
जिले के एक समूह की नानी बाई का कहना है गेहूं खरीदी से हमारी कमाई हो जाती.जिससे हमें परिवार में और अधिक आर्थिक मदद मिल जाती.
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