Self Help Groups महिलाओं के व्यक्तिगत और सामजिक जीवन में नई उमंग और नए बदलाव लाते है. समूह से जुड़कर महिलाएं नए -नए व्यवसायों की ट्रेनिंग लेकर खुद के उद्यम की शुरुआत करती है. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) उज्जैन (Ujjain) के महेश्वर (Maheshwar) में महिलाएं SHGs से जुड़कर महेश्वरी साड़ी (Maheshwari Saree), दुपट्टा, सूट, स्टाल आदि बनाकर अपनी आजीविका चला रहीं है. महिलाओं के हांथों से बानी साड़ियों को काफी पसंद भी किया जा रहा है.
शमशाद को मिली ट्रॉफी
गांव में CLF और संविधान महिला आजीविका ग्राम संगठन शमशाद बी खान (Shamshad B Khan) के नेतृत्व में चल रहा है. इस संगठन से कुल चालिश महिलाएं जुड़ी हुई है.राष्ट्रीय महिला आयोग (National Women Commission) की तरफ से शमशाद को नगर की वरिष्ठ और अनुभवी महिला बुनकर (Women Weaver), सरदार पटेल (Sardar Patel) की मूर्ति वाली ट्रॉफी से नवाजा गया.
Image Credits : Ravivar Vichar
समूह से मिली आर्थिक स्वतंत्रता
समूह से जुड़ने से पहले महिलाएं सिर्फ घरों के कामों में उलझी रहती थी, लेकिन समूह से जुड़ने के बाद उनके समृद्धि की नई दिशा में लगातार आगे बढ़ रहीं है. जहां पहले SHG महिलाएं लोगों से बातें करने में कतराती थी, आज वह बिना झिझक के अधिकारीयों और मंत्रियों से बात करती है. समूह से जुड़ने से उनमे आत्मविश्वास आया है. उन्हें रोजगार के साथ आर्थिक स्वतंत्रता मिली है और समाज में वह अपनी नई पहचान कायम कर रहीं है.
Shamshad Khan (Image Credits : Ravivar Vichar)
SHGs से जुड़कर शमशाद जैसी महिलाएं आज अपने नगर, राज्य और देश को अंतर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिला रहीं और इसमें आज के दौर में महिला बुनकरों के लिए सोशल मीडिया महत्वपूर्ण जरिया बन गया है. इससे महिलाएं अपने प्रोडक्ट्स लोकल से ग्लोबल आसानी से पंहुचा रहीं. स्वयं सहायता समूह से जुड़कर महिलाएं आत्मनिर्भर, सशक्त और समृद्ध हो रहीं है.