MP के Indore ज़िले में Mhow block अंतर्गत कुवाली गांव की रहने वाली Komal Chetan Patidar अपने परिवार और दो बच्चों के साथ रह रही थी.पूरे परिवार का बोझ पति के कंधे पर था. Ajeevika Mission के साथ self help group से जुड़ी और हालात बदल गए.
सिलाई से CRP तक बन साबित की काबिलियत
कोमल पाटीदार ने परिवार की स्थिति सुधारने के लिए SHG से जुड़ने का निर्णय लिया. मां शारदा स्वयं सहायता समूह से जुड़ी और सिलाई का प्रशिक्षण लिया.
कोमल पाटीदार बताती है-"परिवार में घर चलाना मुश्किल हो रहा था.सिलाई ट्रेनिंग की बाद मैंने दूसरे समूह की महिलाओं को भी ट्रेनिंग दी.मुझे 1000 रुपए महीने की इनकम शुरू हुई.मेरा उत्साह बढ़ गया.मैंने मानपुर में Bank Sakhi का काम भी किया और मेरी इनकम 3 हज़ार रुपए हो गई."
समूह सदस्यों को समझाते हुए कोमल पाटीदार (Image:Ravivar Vichar)
कोमल ने धीरे धीरे अपना काम बढ़ाया.और इसी से उसकी पारिवारिक स्थिति ठीक होने लगी.
आजीविका मिशन के महू की Quality Nodal Neha Brale कहती है-"कोमल पाटीदार ने समूह से जुड़कर योजनाओ का फायदा लिया.bank sakhi के अलावा CRP का भी काम किया और अपने क्षेत्र में 15 से ज्यादा SHG का गठन किया.150 से ज्यादा महिलाओं को समूह से जोड़ कर ट्रेनिंग दिलवाने में मदद की."
समूह से संकुल संगठन तक बनाई पहचान
कोमल पाटीदार ने समूह से जुड़कर प्रयास Village Organization की सदस्य बनी.साथ ही संकल्प CLF की सदस्य बन कर अपनी पहचान बनाई.
कोमल आगे बताती है-"मैंने अपने ही गांव में कियोस्क सेंटर शुरू किया.मेरी कमाई अब लगभग 20 हज़ार रुपए महीने तक होने लगी.मैंने खुद लेपटॉप और प्रिंटर ख़रीदा."
Mhow Ajeevika Mission की BM Shweta Suslade ने भी समूह की महिलाओं के साथ कोमल पाटीदार को प्रोत्साहित किया.ब्लॉक में कोमल की मेहनत मिसाल बन गई.
अपने कियोस्क सेंटर पर काम करते हुए कोमल पाटीदार (Image:Ravivar Vichar)
Ajeevika Mission Indore के DPM Himanshu Shukla कहते हैं-"महू ब्लॉक में गठित समूह की सदस्यों ने मेहनत कर वे रोजगार से जुड़ीं. कुवाली की कोमल पाटीदार ने कई महिलाओं को जोड़ा.मिशन ने महिलाओं के लिए ट्रेनिंग की व्यवस्था की जिससे वे ज्यादा बेहतर तरीके से काम कर सके."
इंदौर जिले में सभी ब्लॉक में महिलाएं लगातार समूह से जुड़ कर काम कर रहीं.