MP में self help group को और मजबूत करने के लिए सरकार ने नए विकल्प तलाशे.यहां शासन ने Animal Husbandry और MP State Cooperative Dairy Federation का NDDB के बीच MOU साइन हुआ.
नए सभी अवसर SHG की महिलाओं को दिए जाएंगे.
हर पंचायतों में होगी Milk Dairy Society
National Dairy Development Board (NDDB) ने यहां कमान संभाली. इसकी पहल पर ही प्रदेश में National Dairy Development Bord और पशु पालन विभाग एवं स्टेट कॉपरेटिव डेयरी फेडरेशन के बीच अनुबंध हुआ.
अभी पूरे प्रदेश में इस समय 6 हज़ार मिल्क कॉपरेटिव सोसायटी है. जबकि ग्राम पंचायतों की संख्या कहीं अधिक 24 हज़ार है.शासन अब हर पंचायत में यह डेयरी सोसायटी लगाने की मदद में है. गांव-गांव SHG की सदस्यों को ही Pashu Sakhi बनाया गया.
प्रदेश में समूह सदस्य पशु पालन करती हुईं (Image: Ravivar Vichar)
इनकी संख्या बढ़ाने के लिए ही स्वयं सहायता समूह की सदस्य महिलाओं को जोड़ने का प्रावधान एमओयू में रखा.इससे जहां एक और SHG से जुड़ी महिलाएं नए रोजगार के साथ आत्मनिर्भर होंगी,वहीं प्रदेश में Milk Production और supply भी बढ़ेगा.
report मिलते ही तलाशेंगे milk products export की संभावनाएं
इस MOU के साथ ही शासन ने अगस्त महीने में ही फ़ाइनल रिपोर्ट मांगी.सबकुछ ठीक रहा तो Milk Products के लिए export की संभावनाएं तलाशी जाएंगी.
इस पहल पर ख़ास बात यह है कि समूह को अच्छी किस्म के मवेशी उपलब्ध करवाएंगे जाएंगे.साथ ही cattle feed भी दिया जाएगा.
SRLM के माध्यम से FPO को भी जोड़ा जाएगा. इस समय प्रदेश में ही इंदौर,भोपाल और उज्जैन के साथ बुंदेलखंड प्लांट्स मुनाफा कमा रहे.जबकि ग्वालियर और जबलपुर सेंटर्स को कमज़ोर बताया जा रहा.
प्रदेश में पशु सखी गांव में मवेशी पालकों को सेवा दे रहीं (Image: Ravivar Vichar)
साथ ही MOU साइन होते ही Rewa और Shahdol में भी milk processing सेंटर्स खोले जाएंगे.फ़िलहाल 10 लाख लीटर milk processing production हर रोज़ हो रहा.जबकि processing क्षमता 15 लाख लीटर हर रोज़ है.
dairy cooparative Federation के MD IAS Dr.Satish Kumar S के अनुसार animal husbandry में milk production बढ़ने के साथ ही ब्रांडिंग और मार्केटिंग को बढ़ावा दिया जाएगा.
इस पूरे मिशन में सरकार की मंशा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को Lakhpati Didi बनाने के साथ आत्मनिर्भर बनाने की पूरी होने में मदद मिलेगी.