सूरत में आस्था की दिखेगी एक और नई सूरत

गणेश विसर्जन के साथ ही गुजरात के सूरत में आस्था की नई सूरत दिखने वाली है. विसर्जन के दौरान भगवान गणेश की मूर्ति को पहनाए गए मुकुट, माला सहित सभी आइटम्स को संभाल कर रख लिया गया. स्वयं सहायता इस सामान से फिर एक नया आइटम्स तैयार करेगी. 

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सूरत SHG की महिलाओं द्वारा गणेश विसर्जन के पहले वस्त्र और आइटम्स निकालते हुए (Image : Ravivar Vichar)

गुजरात (Gujarat) के सूरत (Surat) में इस बड़ा नवाचार होगा. दीन दयाल अंत्योदय शहरी आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) के SHG की महिलाएं विसर्जन के पहले निकाले सामान से नया क्रिएशन कर वापस मार्केट में ले आएगीं. यह महिलाओं के रोजगार का बड़ा जरिया बन रहा.

वेस्ट से बेस्ट का करेंगे अनूठा काम  

सूरत (Surat) शहर के शहरी आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) की महिलाओं को यह मौका दिया गया. श्रीजी सखी मंडल की सरोज बेन राजेश भाई कर्मा ने बताया- "नगर निगम द्वारा तैयार झील में गणेश भगवान विसर्जन के पहले हमें भगवन की मूर्ति को पहनाए गए बाघा  (कपड़े), मुकुट, माला और सजावट के दूसरे सामान हमें दिए गए. हम इस सामान से नवरात्र के लिए समान, सजावटी सामान, श्रीकृष्ण भगवान के लिए भी बाघा नए सिरे से तैयार करेंगे. इसे मार्केट में बेचेंगे."

इस व्यवस्था से सूरत (Surat) एक बार फिर चर्चा में है. समूह की कई महिलाओं को रोजगार के लिए नया काम मिल गया. इस समूह में हंसिया बेन कंसारिया, नेहा बेन सावन, दमयंती बेन, बीना बेन और आशा बेन भी बहुत खुश हैं कि कमाई बढ़ेगी.

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सूरत में सखी मंडल के आइटम्स (Image: Ravivar Vichar)  

सूरत (Surat) के ही दूसरे समूह नीलकंठ सखी मंडल की मनीषा बेन राकेश भाई बताती है- "शहर के सखी मंडल भगवान विसर्जन के पहले निकाले सामान के साथ हमारा भी सहयोग लेते हैं. हमसे भी सामान खरीद लेते जिससे नया आइटम्स और सुंदर बने." 

पर्यावरण में सहयोगी बन रहीं समूह की महिलाएं  

सूरत (Surat) नगर पालिका निगम (Nagar Palik Nigam) की इस  पहल से पर्यावरण संरक्षण (Enviornment) के साथ Self Help Group की महिलाओं को नया काम मिला. ये महिलाएं भी पर्यावरण सुरक्षा में साथ दे रहीं.

सूरत (Surat) नगर पालिका निगम (Nagar Palik Nigam) कम्युनिटी ऑर्गनाइज़र जयश्री बेन ने बताया- "गणेशजी विसर्जन के पहले मुंसिपल कॉर्पोरेशन मूर्ति को पहनाए वस्त्र और दूसरे सामान निकल लेता है. इस काम में शहरी आजीविका मिशन की सदस्य महिलाएं सहयोग करती हैं. इन सामान से फिर नया सामान बनाकर नवरात्र और प्रदर्शनी में रखती हैं. इससे समूह की महिलाओं की अतिरिक्त कमाई होती है."          

नवरात्र में स्टॉल्स लगाए जाएंगे जिससे ये सामान नए रूप में वापस रखे जा सकें.                    

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