पर्यावरण को बचाने के साथ असम सरकार गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Assam Government Guinness World Records) बनाने की दिशा में आगे कदम बढ़ा रहा है. 17 सितंबर को ‘अमृत वृक्ष आंदोलन’ (Amrit Vriksha Movement) के तहत प्रकृति को बचाने और आसपास की सुंदर वनस्पतियों को संरक्षित करने के लिए राज्य भर में 1 करोड़ पौधे लगाने की तैयारी हो रही है. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Chief Minister Himanta Biswa Sarma) द्वारा इसकी घोषणा की गई है.
SHG लगा रहे राज्य में पौधे
मुख्यमंत्री हिमंत (Chief Minister Himanta) ने बताया कि इस पहल में अलग-अलग स्वयं सहायता समूह (Self Help Groups), अग्रिम मोर्चे के कार्यकर्ता, शैक्षणिक संस्थान और सरकारी कर्मी द्वारा 53 प्रकार के एक करोड़ पौधे लगाए जायेंगे. इस साझे प्रयास से हम राज्य को हरा-भरा बनाने के साथ प्राकृतिक विरासत को भी सुरक्षित रख सकेंगे.
राज्य सरकार (Assam Government) ने राज्य वन विभाग (Assam Forest Department) से तीस लाख पौधे और अन्य राज्यों से अस्सी लाख पौधे खरीदें है. राज्य में अब तक 68 लाख पौधे अलग-अलग स्टॉकिंग पॉइंट पर पहुंचाए जा चुके हैं.
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गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का प्रयास करेगी असम सरकार
सीएम हिमंत बताते है कि "अब तक राज्य में पौधे लगाने के लिए 47,34,465 लोगों ने मोबाइल ऐप से ऑनलाइन रेगिस्ट्रशन करवाया है. असम सरकार नौ अलग-अलग श्रेणियों में नया गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड (new guinness world record 2023 india) बनाने का प्रयास करेगी. कुछ मौजूदा श्रेणियों के बने हुए रिकार्ड्स को और बेहतर बनाने की कोशिश करेगी."
राज्य में वृक्ष अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा
इसमें 47 करोड़ रुपए खर्च किये गए हैं. इस पहल से राज्य में वृक्ष अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा. लकड़ी आधारित उद्योग क्षेत्र (forest-based industry) में नए निवेश होंगे, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था में पांच हज़ार करोड़ रुपए का इजाफा होगा.
असम ग्रीन मिशन का शुभारंभ
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि असम सरकार ने असम ग्रीन मिशन (Assam Green Mission)के शुभारंभ के ज़रिये, पांच सालों में राज्य के ग्रीन कवर को 2 प्रतिशत यानि 36 प्रतिशत से बढ़ाकर 38 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है. इस पहल से असम न केवल हरित बनेगा बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को नए ऊर्जा संचालित उद्योगों को आगे आने का मौका मिलेगा.
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इससे असम के लोगों को रोजगार का मौका मिलेगा और राज्य को सामाजिक और आर्थिक विकास में मदद मिलेगी. इस आंदोलन के ज़रिये, नये और स्वस्थ पर्यावरण की दिशा में सशक्त और एकजुट भारत की ओर बढ़ते हुए नए कदम देखने का सपना साकार होगा.