'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' के साथ बढ़ेगा केरेला का फ़ूड सेक्टर

केरेला के फ़ूड प्रोसेसिंग सेक्टर माइक्रो इंटरप्राइजेज को बढ़ावा देने के लिए 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' को अपनाया गया. ODOP ने प्रधान मंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना के तहत उत्पादन और मार्केटिंग को बढ़ाने के लिए सब्सिडी के साथ ऋण की सुविधा दी. 

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मिस्बाह
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one district one product strategy boosts keralas microenterprise in food sector

Image Credits: Bharat times

फ़ूड प्रोसेसिंग सेक्टर (Food Processing Sector) की बात हो तो केरेला (Kerela) के माइक्रो इंटरप्राइजेज (microenterprises) का ध्यान आ ही जाता है. इन माइक्रो इंटरप्राइजेज को बढ़ावा देने के लिए 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' (One District One Product) को अपनाया गया. ODOP ने प्रधान मंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम (Pradhan Mantri Formalisation of Micro Food Processing Enterprises PMFME Scheme) योजना के तहत उत्पादन और मार्केटिंग को बढ़ाने के लिए सब्सिडी के साथ ऋण की सुविधा दी. 

1,233 उद्यमों की 15.09 करोड़ रुपये की सब्सिडी स्वीकृत 

योजना के तहत खाद्य उद्यम शुरू करने वाले सूक्ष्म उद्यमी परियोजना लागत का 35 प्रतिशत सब्सिडी (subsidy) के रूप में अधिकतम 10 लाख रुपये तक का लाभ उठा सकते हैं. अब तक 1,233 उद्यमों के लिए सब्सिडी स्वीकृत की जा चुकी है. राज्य में कुल 581 उद्यमियों को इंडिविजुअल केटेगरी में कुल 15.09 करोड़ रुपये की सब्सिडी मिली है.

कुदुम्बश्री मिशन के ज़रिये SHG सदस्यों को मिलेगी 40 हज़ार रुपये की पूंजी सहायता 

इसके अलावा, पीएमएफएमई योजना में कुदुम्बश्री मिशन  (Kudumbashree Mission) के ज़रिये फ़ूड प्रोसेसिंग गतिविधियों में लगे स्वयं सहायता समूह (Self Help Groups) के हर सदस्य के लिए वर्किंग कैपिटल (working capital) और छोटे उपकरणों की खरीद के लिए 40 हज़ार रुपये की पूंजी सहायता देने का लक्ष्य तय किया गया है.

SHG को सीड कैपिटल (seed capital) देने के लिए पीएमएफएमई के तहत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) और राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (NULM) और राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (SRLM) और राज्य शहरी आजीविका मिशन (SULM) के नेटवर्क के सहयोग से लागू किया जाता है.

यह योजना केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MoFPI) द्वारा जून 2020 में 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' के तहत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के असंगठित क्षेत्र में मौजूदा व्यक्तिगत सूक्ष्म उद्यमों को एक मंच देने और क्षेत्र की औपचारिकता को बढ़ावा देने के लक्ष्य से शुरू की गई थी. इस योजना को 2020-21 से पांच साल की अवधि में 10 हज़ार करोड़ रुपये की कुल फंडिंग के साथ लागू किया जायेगा.

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