देश की सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ऐसे बहुत से कदम उठाए है जिससे वह समाज में आगे बढ़ कर हर काम में हिस्सा ले रही है. देश महिला सशक्तिकरण को अपनी प्राथमिकता बना चुका है. नरेंद्र मोदी सरकार ने अपनी परियोजनाओं में महिलाओं को प्राथमिक अधिकार दिए है.
उत्तराखंड की SHG महिलाएं बन रहीं सशक्त
इसी पहल में कड़ी बनकर उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने की बहुत सी खबरें सामने आई है. प्रदेश में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) की बड़ी भागीदारी दिख रही है. जनपद में Self Help Groups से जुड़ी महिलाओं के निर्मित उत्पादों को प्रशासन बाज़ार में उपलब्ध करा रहा है.
Image Credits: Your Story Youtube Channel
इस काम से दो फायदे हो रहे है- महिलाओं की आजीविका चला रही है और पहाड़ के स्थानीय उत्पादों को भी नई पहचान मिल रही है. पहाड़ी उत्पादों के साथ कृषि और बागवानी के क्षेत्र में कार्य करने वाली SHG महिलाओं को सरकार प्रोत्साहित कर रही है.
पौड़ी जिले की दो महिलाओं से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऑनलाइन बातचीत कर समूहों की जानकारी ली और उन्हें प्रोत्साहित भी किया. जिले में 500 से अधिक महिलाएं अपने परिवार का भरण पोषण कर रही हैं.
पहाड़ी उत्पाद बेचकर तैयार कर रही आजीविका
प्रशासन की ओर से मेलों से लेकर अन्य कार्यक्रमों में इन महिलाओं के स्वयं सहायता समूह को आमंत्रित किया जाता है, जहां निर्मित उत्पादों का स्टॉल लगाया जाता है. लोग उनके उत्पादों को खास पसंद करते हैं. इनमें अचार, कोदे से बने बिस्कुट, पहाड़ी फलों से बने जैम समेत अन्य उत्पाद शामिल है. जब से स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिला है तब से उनकी आर्थिक हालत में भी सुधार आया है और ये महिलाएं आत्मनिर्भर भी बन रही हैं.
Image Credits: Odisha Bytes
महिला स्वयं सहायता समूहों के साथ समन्वय बनाकर उत्पादों को बाज़ार उपलब्ध करने वाले REAP (Rural Enterprise Acceleration Project) के महानिदेशक संजीव कुमार राय का कहना है कि लंबे समय से स्वयं सहायता समूह की मदद से पहाड़ी उत्पादों को बनाने और बेचने का कार्य किया जा रहा हैं. पहाड़ी उत्पादों की बिक्री और पहचान बढ़ने के साथ महिलाओं की आर्थिक हालत में सुधार आ रहा है. देश की उन्नति भी अब तेज़ी से होगी.