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जिला वनोपज सहकारी संघ (District Forest Produce Coopertive Union) के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना (MSP) अंतर्गत 38 Minor Forest Produce और समर्थन मूल्य पर Minor Forest Produce कुल 67 वनोपज की खरीदी Self Help Group करेंगे. इस काम में समूह की महिलाएं क्वालिटी का खास ध्यान रखेंगी.
Self Help Group in Chhattisgarh की महिलाएं वनधन विकास केन्द्र से जुड़ी हुई हैं. यहां खरीदी के साथ डबल स्टेज में Processing का काम होता है. यह साल Millets Of The Year 2023 की घोषणा होने के कारण खरीदी करने और संग्राहक दोनों ही उत्साहित हैं. CG में देश का सबसे ज्यादा वनोपज होता है. शासन इसे अब स्वयं सहायता समूह से जोड़ कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास कर रहा.
Millets Crop (Image Credits: Patrika)
जिला वनोपज सहकारी संघ के अध्यक्ष नितिन पोटाई ने बताया- "SHG की महिलाओं को Vanopaj खरीदने में ख़ास क्वालिटी के ध्यान रखने की सलाह दी गई है. कमजोर क्वालिटी के प्रोडक्ट्स को गोदाम इंचार्ज नहीं लेंगे. स्वीकृत लॉट का गुणवत्ता परीक्षण छत्तीसगढ़ हर्बल क्वालिटी लेबोरेटरी में किया जाता है."
साल 2023-24 में जिला वनोपज सहकारी संघ कांकेर Forest Produce Coopertive Union Kanker की 21 Societies खरीदी करेगी. इस खरीदी के लिए टारगेट तय कर दिए.
Millets Crop (Image Credits: Hindustan Times)
हर्रा कचरिया 10 क्विंटल, बेहरा कचरिया 100 क्विंटल,वहीं हर्रा कच्चा1600 क्विंटल तथा बेहरा कच्चा का 350 क्विंटल का टारगेट रखा. कांकेर में ही लाख, कालमेघ, आंवला (Amla), नागरमोथा, चरोटा बीज, ईमली, महुआ (Mahua), रागी (Ragi), कोदो (Kodo), कुटकी (Kutaki), काजू सहित 67 प्रकार के लघु वनोपज की खरीदी हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य में सरकार कर रही.