अपने घर में अक्सर मां को जब काम करते देखते है, तो सोचते ही नही की इस महिला में अगर एक घर को संभालने की ताकत है तो एक बिज़नेस संभालना कोई बड़ी बात नहीं होंगी इसके लिए. पूरा घर सुबह से शाम तक और हर दिन संभालती है एक महिला, कोई छुट्टी नहीं, कोई ब्रेक नही. अगर वो यह कर सकती है तो व्यापार तो इसके लिए बाय हाथ का खेल है.
बस ऐसी ही कुछ महिलाओं और लड़कियों ने ठान लिया की वो अपना खुद का बिज़नेस शुरू करेंगी और सबके लिए एक प्रेरणा बन जाएंगी. उत्तर प्रदेश की कुछ ऐसी ही महिलाओं की कहानियां (Hindi Stories) लेकर आया है रविवार विचार आपके सामने.
नौकरी छोड़ कर रही खुद का व्यापार
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उत्तरप्रदेश सदर की रहने वाली पायल अग्रवाल ने 2016 में अपना बी.टेक (B.Tech Degree) पूरा कर जॉब ना करने का फैसला किया. घर वालो को थोड़ा अजीब जरूर लगा होगा लेकिन उन्हे विश्वास था कि हमारी लड़की कुछ बहुत बड़ा करेगी. पायल ने अपना बिज़नेस शुरू करने का फैसला किया. वर्मीकॉम्पोस्ट (Vermicomposting business) के बारे में सारी जानकारी ली, जमीन खरीदी और अपना काम शुरू किया. आज से 4 साल पहले पायल ने इस बिज़नेस की शुरुआत कर दी थी. 30 वर्मी कंपोस्ट के बेड्स (Vermicompost beds) से आज वो 350 बेड्स तक पहुंच चुकी है. उनके मां पापा को पायल पर बेहद गर्व है.
महिलाओं को जोड़कर बनाया खुद का स्वयं सहायता समूह
रजपुरा ब्लॉक की ये महिला जिसके पास कुछ समय पहले तक खुद का घर भी नहीं था, वो आज 100 से अधिक महिलाओं को रोज़गार देकर अपने साथ उन्हे भी सक्षम बना रहीं है. सोहनविरी दतावली गांव की रहने वाली है. कुछ समय पहले तक उन्हे कोई रास्ता ही नही दिख रहा था. उनके गांव के सेक्रेटरी ने उन्हे महिला self help group बनाने की सलाह दी.
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सोहनवीरी को इस समूह की कीमत समझ आई और उन्होंने अपने साथ ऐसी महिलाओं को जोड़ा जिनके पास काम नही था लेकिन हुनर की कोई कमी नही थी. आज उनके समूह में 100 से ज्यादा महिलाएं काम कर रही हैं. वे मिलकर आम का अचार, सेंधा नमक, काला नमक, जीरा, मिर्च, धनिया, ऊनी कपड़े, और डॉक्टर्स के लिए गाउन तैयार कर रहे है. सोहनविरी ने इन सभी महिलाओं को रोजगार देकर सशक्तिकरण की ओर बढ़ाया है.
वीनस जैन चला रहीं है पेपर प्रोडक्ट यूनिट
उत्तरप्रदेश की वीनस जैन आज की महिलाओं के लिए एक बहुत बड़ा प्रेरणा स्त्रोत बन चुकी है. उन्होंने 2018 में बागपत रोड स्थित विश्वकर्मा इंडस्ट्रियल एस्टेट में एक पेपर प्रोडक्ट यूनिट की शुरुआत की थी. जब का शुरू किया था तब सिर्फ 10 से 15 लोग उनके साथ जुड़े थे. आज ये संख्या बढ़ कर 50 लोगों से भी ज़्यादा हो चुकी है.
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इनकी कंपनी का टर्नओवर करोड़ों में जाता है. उत्तरप्रदेश सरकार ने भी उनकी मेहनत को सरहाया. यूपी स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने वीनस जैन को 36 लाख रुपए का चेक देकर सम्मानित भी किया.
महिलाऐं कर रही है अलग अलग बिज़नेस
गड़ रोड पर कुछ महिलाओं ने पशु पालन करना शुरू किया था. आज उन महिलाओं के पास 50 से अधिक गाय है. वही जानी क्षेत्र का सिसौला खुर्द उत्तरप्रदेश का एक ऐसा गांव है, जहां महिलाएं घर पर फुटबॉल बनाने का काम करती है. उनकी बनाई फुटबॉल अलग अलग प्रदेशों में भी सप्लाई की जाती है.
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कुछ महिलाएं ब्यूटीपार्लर चला रही है तो कुछ बिजली सखी बन चुकीं है. लेकिन इन सब में एक बात है जो समान है. वह ये की हर महिला देश के सामने यह साबित कर रही है कि अगर उन्हें भी समान मौके दिए जाएं तो उनसे बेहतर काम कोई और नहीं कर सकता.