"होली है भई होली है, बुरा न मानो होली है", बस ये गूंज होगी हर जगह अब...आसमान के अपने रंग के अलावा हर रंग दिखेगा...पीला, लाल, गुलाबी, हरा... रंग चाहे जो भी हो, कोई भी Holi 2024 के दिन इन रंगों को देखते ही खुश हो जाता है. Holi का त्यौहार है ही कुछ ऐसा! किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता की हम कैसे दिख रहे है, सब लोग अपनी फ़िक्र किए बिना बस खेलने और दौड़-भाग करने में मग्न हो जाते है.
और ऐसा नहीं है कि ये सिर्फ बच्चों का खेल हो, Holi के दिन बच्चा हो या बूढ़ा, हर कोई अपनी उम्र भूल कर बस आज में जीता है, भूल जाता है कि वो कितने बड़ा है या कितना छोटा... ये ही तो चाहिए भी होता है ना... कि व्यक्ति अपनी उम्र अपनी परेशानी और अपने दुःख भूल कर बस एक दूसरे को ख़ुशी के रंग से सराबोर कर दे.
Image Credits: Green World Foundation
अच्छा, अगर इसी के साथ मैं आपसे कहूं कि आपको मस्ती मज़ाक, खेल खुद, नांच गाना, के साथ रंग भी ऐसे दिए जाएंगे जिससे आपकी त्वचा और स्वस्थ्य भी अच्छा रहेगा. ना रंग से होने वाले नुक्सान की फ़िक्र और ना ही मस्ती में कोई कमी! तो आपको बता देते है कि ये मुमकिन है, क्योंकि कुछ महिलाओं ने ठान लिया है कि इस बार सबकी होली मज़ेदार होने के साथ-साथ स्वास्थ्य और त्वचा को भी कोई नुक्सान नहीं पहुंचाएगी.
Bhilwara SHG की महिलाएं बना रहीं पलाश के फूलों से रंग
ये है भीलवाड़ा SHG की महिलाएं जो आपकी होली को प्राकृतिक और खुशनुमा बनाने के लिए पलाश के पूलों सहित और भी कई तरह से natural गुलाल बना रहीं है. ये रंग त्वचा के लिए बिलकुल भी हानिकारक नहीं होते बल्कि आपको फायदा ही करेंगे. ये 90 महिलाएं गाँव की है और अपनी आजीविका चलाने के लिए SHG से जुड़ी है.
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Green World Foundation और NABARD की है यह पहल
इन महिलाओं को ट्रेनिंग देकर आगे बढ़ाने की यह सफल पहल Green World Foundation और NABARD ने मिलकर की है. सिर्फ इतना ही नहीं, महिलाओं को पलाश के फूलों से दोने और पत्तल बनाने की भी ट्रेनिंग दिलवा रहीं है ये संस्थाएं, ताकि महिलाओं को अपनी आजीविका चलाने में कोई भी परेशानी महसूस ना करनी पड़े.
Green World Foundation बहुत समय से ग्रामीण तबके की महिलाओं को सशक्त और आगे बढ़ाने के लिए मेहनत कर रहा है. ये महिलाएं 3 से 4 प्रकार के रंग बना रहीं है और इस काम में इनकी पूरी सहायता करते हुए दिख रहा है Green World Foundation और NABARD.
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Green World Foundation की President Seema Saini बेहद उत्साह के साथ बताती है कि- "हम इन महिलाओं को प्रशिक्षण दिलवा कर बहुत ख़ुशी महसूस कर रहे है. ये महिलाएं अपना जीवन बदलना चाहती है और उसके लिए दिन रात मेहनत कर रही है. रंगों के त्यौहार से बेहतर मौक़ा और क्या हो सकता है आगे बढ़ने का. Green World Foundation भी इन महिलाओं को हरसंभव मदद कर रहा है, ताकि ये बहुत आगे बढ़े और अपने SHG का नाम रोशन करें."
Green World Foundation के secretary Indra Raj Jat ने बताया- "इस कार्यक्रम का उद्घाटन Shahpura Bhilwara के Collector RS Shekhawat ने किया है. यह कार्यक्रम इन महिलाओं को 20 दिन की ट्रेनिंग देगा, जिसमें ये ना केवल रंग बनाना सीखेंगी बल्कि पलाश के पत्तों से दोने और पत्तल भी बनाएंगी. इन महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए यह प्रशिक्षण कार्यक्रम बहुत सफल पहल साबित होगी."
सेहत के लिए हानिकारक होते है बाज़ार वाले रंग
हां ये बात तो सच है, कि Holi से ज़्यादा मज़ेदार त्यौहार और कोई नहीं, लेकिन ये भी सच है कि कुछ लोग सिर्फ ज़्यादा पैसा कमाने के लिए बाज़ार में ऐसे रंग बेचते है जो त्वचा के लिए हानिकारक होने के साथ साथ घातक बीमारियों को न्योता भी देते है.
कोई नहीं चाहता कि उनकी Holi 2024 किसी भी परेशानी और अनहोनी के कारण ख़राब हो... लेकिन फिर भी सब पर यकीन करना मुश्किल है. इसीलिए ऐसे रंग चुनिए जो किसी ने अपने हाथों से सिर्फ आपकी Holi 2024 को और भी ज़्यादा रंगीन करने के लिए बनाए है. Bhilwara की इन महिलाओं ने जिस मेहनत और प्यार से रंग आपको लिए बनाए है, वो समझने के लिए आपको ज़्यादा कुछ नहीं करना...बस इन रंगों को खरीदिए, अपनी मित्रों और परिवार को बिना किसी डर के लगाइए और कहिए "बुरा ना मनो, होली है".