चाहे राज्य हो या केंद्रीय सरकार सबने अपनी प्राथमिकता बनाया है देश में महिला के विकास को. इसमें सरकार की कोशिश है कि ग्रामीण महिलाओं को भी financially independent बनाया जाए ताकि देश की नींव मजबूत हो सके. ओडिशा सरकार (Odisha government) ने भी इस कार्य को आगे बढ़ाने के लिए और सब को शुद्ध भोजन मिले, इस बात का ध्यान रखते हुए, आहार योजना (Aahar yojana) का शुभारम्भ किया है.
आहार योजना, ओडिशा
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सरकार ने 1 अप्रैल 2015 को शहर के lower strata को साफ़, शुद्ध और सस्ता भोजन उपलब्ध कराने के लिए (Odisha foundation day) राज्य के स्थापना दिवस-‘उत्कल दिवस’ पर (Odisha CM) मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने यह योजना शुरू की थी, जो बहुत ही सफल ढंग से आजतक ओड़िशा में चल रही है. यह योजना वर्तमान में 167 आहार केंद्रों के माध्यम से संचालित हो रही है, जिनमें से 82 अस्पताल परिसर में हैं. ओडिशा के ज़्यादातर सभी 114 नगर निकायों में आहार केंद्र हैं. भोजन की कीमत 5 रुपये है. यहाँ पर खाना सोमवार से शनिवार उपलब्ध कराया जाता है. Self Help Group की महिलाएं मेन्यू में चावल, दालमा (सब्जियों के साथ पकाई गई दाल), और अचार जैसा पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन सारे लोगो को उपलब्ध कराती है.
सरकार से लेकर कॉर्पोरेट्स सब कर रहे मदद
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अधिकारियों का अनुमान है कि प्रतिदिन एक लाख थालियां परोसी जातीं है. ओडिशा राज्य आहार सोसाइटी (OSAS), जो योजना का संचालन करती है और आवास और शहरी विकास विभाग के अंतर्गत आती है, गरीबों को शुद्ध भोजन खिलाने के लिए सालाना 70 करोड़ रुपये खर्च करती है. योजना के लिए धनराशि मुख्यमंत्री राहत कोष और विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और कुछ कॉर्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी फंड (CSR) से प्राप्त की जाती है.
सरकार की यह योजना महिलाओं से लेकर गरीब व्यक्तियों तक सबके लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हो रही है. मोदी सरकार (Modi Government) ने यह ठान लिया है कि महिलाओं और गरीबों को आगे बढ़ाने के लिए वे हर संभव कदम उठाएंगे और देश की नींव को मज़बूत बनाकर आगे बढ़ाएंगे.