एशियाई विकास बैंक (Asian Development Bank) ने भारत के मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सड़क कनेक्टिविटी (road connectivity) और क्लाइमेट रेसिलिएंस (climate resilience) को बढ़ाने के लिए 175 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण को मंजूरी दी है. ADB साल 2002 से मध्य प्रदेश में सड़क नेटवर्क (road network) के विकास में अहम भूमिका निभा रहा है. ADB परिवहन विशेषज्ञ यांग लू ने बताया कि इस प्रयास से 9 हज़ार किलोमीटर से ज़्यादा राज्य राजमार्गों और प्रमुख जिला सड़कों का विकास हुआ है.
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ग्रामीण क्षेत्रों और विकास केंद्रों के बीच बढ़ेगी कनेक्टिविटी
ADB द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यांग लू ने इस बात पर ज़ोर दिया कि वर्तमान परियोजना का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों और विकास केंद्रों के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना, इंडस्ट्रियल कोर्रिडोर्स को सशक्त करना और मध्य प्रदेश के समावेशी, न्यायसंगत और टिकाऊ आर्थिक विकास का समर्थन करना है (Madhya Pradesh development). विकास के इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सुरक्षित और अधिक जलवायु-लचीली सड़कों का निर्माण करना होगा.
इस प्रोजेक्ट के तहत 500 किलोमीटर राज्य राजमार्गों और प्रमुख जिला सड़कों को स्टैंडर्ड दो-लेन डिजाइन में अपग्रेड किया जायेगा. इन सड़कों में जलवायु और आपदा-प्रतिरोधी पहलू, आधुनिक सड़क सुरक्षा सुविधाएं शामिल होंगी जो बुजुर्गों, महिलाओं, बच्चों और विकलांग व्यक्तियों की जरूरतों को पूरा करेंगी.
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Green Technology का होगा इस्तेमाल
ADB ने क्लाइमेट चेंज अडेप्टेशन (climate change adaptation), डिसास्टर रेसिलिएंस (disaster resilience) और सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, सड़क नेटवर्क योजना और प्रबंधन में मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम लिमिटेड (एमपीआरडीसी) को बेहतर बनाने की योजना बनाई है.
यह पहल सड़क निर्माण में ग्रीन टेक्नॉलोजी (green technology) का इस्तेमाल करने और इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) के लिए चार्जिंग सुविधा से जुड़ी योजना तैयार करने में मदद करेगी. साथ ही, परियोजना का लक्ष्य लैंगिक समानता (gender equality) और सामाजिक समावेशन (social inclusion) के लिए रणनीति बनाने में MPRDC का समर्थन करना और महिला छात्रों को सड़क क्षेत्र में काम करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए इंटर्नशिप कार्यक्रम शुरू करना है.
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प्रोजेक्ट को मिलेगा महिला स्वयं सहायता समूहों का सहयोग
इस प्रोजेक्ट के तहत सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों के साथ सहयोग करना भी शामिल है (SHGs working for road safety). इसके अलावा, परियोजना महिलाओं और लड़कियों के लिए आजीविका और उद्यमिता प्रशिक्षण कार्यक्रम (Entrepreneurship Training Program) चलाएगी और कम से कम दो सड़क किनारे बाजार बनाएगी जिसका संचालन SHG महिलाएं करेंगी.
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विकास की दिशा में उठाया गया ये कदम, महिला सशक्तिकरण (women empowerment) का लक्ष्य पूरा कर राज्य को प्रगति की राह पर अग्रसर करेगा.