वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (one district one product) पहल का उद्देश्य सभी क्षेत्रों में समग्र सामाजिक आर्थिक विकास (ODOP scheme helping local communities) को बढ़ावा देने के लिए देश के हर जिले से कम से कम एक उत्पाद का चयन, ब्रांड और प्रचार करना है. ओडीओपी पहल ने देश भर के 761 जिलों से कुल 1102 उत्पादों की पहचान की है.
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मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी की अध्यक्षता में ODOP बैठक आयोजित
इसी योजना को बढ़ावा देने के लिए मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने अहम कदम उठाया. उनकी अध्यक्षता में आगरा मंडल के संयुक्त ओडीओपी उत्पाद को लेकर बैठक आयोजित हुई. स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए उत्पादों, उनकी पैकेजिंग, ब्राडिंग और मार्केटिंग से जुड़ी चौनौतियों पर चर्चा की गई.
संयुक्त आयुक्त उद्योग, अनुज कुमार ने बताया कि चार जिलों से यूनिक उत्पाद चुन लिए गए हैं. इसमें आगरा से चर्म और मार्बल उत्पाद, मथुरा से ठाकुर जी की पोशाक व मुकुट, फिरोजाबाद से कांच के उत्पाद, और मैनपुरी से तारकशी और एम्ब्रॉयरी वर्क शामिल हैं.
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चार जिलों से चुने SHG के यूनिक उत्पाद
इन उत्पादों के क्राफ्ट डिस्क्रिप्शन और डिजायनिंग को बेहतर बनाने के लिए विचार किया जा रहा है. साथ ही मंडलायुक्त ने चारों जिलों के CDO से स्वयं सहायता समूहों द्वारा वारा बनाये गये उत्पादों, उनकी विशेषता और कीमत के बारे में जानकारी ली.
रितु माहेश्वरी ने निर्देश दिए कि ओडीओपी उत्पाद के तहत सिर्फ स्वयं सहायता समूह द्वारा बनाये गये उच्च क्वालिटी वाले उत्पादों का ही चयन करना है (ODOP supporting SHG women). चारों जिलों के सीडीओ को संयुक्त ODOP उत्पाद का पैकेज तैयार करने के लिए हर जिले से यूनिक उत्पाद शामिल करने के आदेश दिए.
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प्रदर्शनी के ज़रिये मिलेगा प्रोडक्ट्स को बढ़ावा
अच्छी ब्राडिंग और मार्केटिंग के लिए सही पैकेजिंग पर भी जोर दिया गया. इसके लिए सैंपल के तौर पर मैनपुरी CDO को तारकशी वाला लकड़ी का बॉक्स तैयार करने को कहा. पैकेजिंग में अंदर और बाहर उत्पाद की क्वालिटी, कीमत और इसे तैयार करने वाले SHG (self help group) की पूरी जानकारी होगी.
मंडलीय ODOP का उत्पाद पैकेज तैयार करने के साथ ही इसे पहचान दिलाने के लिए ख़ास नाम और टैगलाइन देने के लिए CDO को कहा गया. साथ ही ऑफलाइन और ऑनलाइन प्रचार प्रसार का भी प्लान है जिससे बिक्री बढ़े. इन उत्पादों की प्रदर्शनी के लिए हर जिले में एक ऐसी जगह तय की जाएगी जहां ज्यादा से ज्यादा लोग प्रोडक्ट तक पहुंच सकेंगे.
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ODOP समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हुए जिला स्तर पर स्थायी रोजगार पैदा कर रहा है (ODOP scheme generating employment). इससे लोकल आर्टिस्ट्स और उद्यमियों, ख़ासकर महिलाओं को अपने उत्पाद को बढ़ावा देने का मौका भी मिला है. यह योजना महिला सशक्तिकरण और उनकी आर्थिक आज़ादी की दिशा में अहम भूमिका निभा रही है.