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समूह द्वारा इस तरह स्कूल यूनिफॉर्म तैयार की जाती है (Image Credit: Ravivar Vichar)
समूह द्वारा इस तरह स्कूल यूनिफॉर्म तैयार की जाती है (Image Credit: Ravivar Vichar)
मध्य प्रदेश (MP) के स्कूलों में बंटने वाली यूनिफॉर्म (Uniform) अब आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) के अफसरों की निगरानी में बटेंगी. कैबिनेट बैठक में यह बड़ा फैसला लिया. शिक्षा विभाग (Eduction Department) और आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) प्रबंधन का मानना है कि बच्चों को दी जाने वाली यूनिफॉर्म (Uniform) समय के साथ बिना अनियमितता के वितरित हो सकेगी. अभी प्रदेश के जिलों से स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) द्वारा बंटने वाली ड्रेस व्यवस्था को लेकर शिकायतें मिल रहीं थी.
यह सारा मामला स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) को सिलाई के बदले मिलने वाले भुगतान से जुड़ा है. शासन द्वारा प्राथमिक और माध्यमिक कक्षाओं के नियमित विद्यार्थियों को गणवेश दिया जाता है. यह गणवेश बच्चों तक स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) के जरिए पहुंचता है. समूह (SHG) को इसके लिए शासन सीधे राशि उनके खातों में जमा की जाती है.अब ऐसा नहीं होगा. शासन अब यह पैसा समूह को स्वयं सहायता समूह न पहुंचा कर राज्य के आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) को दी जाएगी. ये निर्णय यूनिफॉर्म (Uniform) वितरण में होने वाली गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए लिया. शिकायतें मिलती थी कि कई बच्चे यूनिफॉर्म से वंचित रह गए और उनके नाम के ड्रेस और सिलाई का भुगतान समूह को हो गया.
समूह द्वारा तैयार यूनिफॉर्म (Image Credit: Ravivar Vichar)
अब 75 प्रतिशत राशि का भुगतान क्रियाशील समूहों को दिया जाएगा. इन समूहों के काम को देखने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग और आजीविका मिशन की संयुक्त समिति गठित कर निगरानी की जाएगी. आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) बुरहानपुर (Burhanpur) की जिला परियोजना प्रबंधक (DPM) संतमति खोलखो बताती है- 'समिति द्वारा गणवेश की गुणवत्ता की रिपोर्ट सही आने पर ही बचा हुआ 25 प्रतिशत भुगतान किया जाएगा." इस बार ख़ास सतर्कता बरती जा रही. देवास (Dewas) जिले के आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) की जिला परियोजना प्रबंधक (DPM) शीला शुक्ला कहती है- अधिकांश समूह जिन्हें जवाबदारी दी, वे महिलाएं मेहनत से सिलाई कर रहीं. जिले में यूनिफॉर्म का वितरण सही हो इसलिए पूरी तरह मॉनिटरिंग की जा रही."
गणवेश वितरित करने की प्रक्रिया साल 2018 से स्वयं सहायता समूहों सौंपी है. शिक्षा विभाग द्वारा सीधे समूह को राशि से दी जाती है और आजीविका मिशन के अमले को सिर्फ निगरानी करने के लिए बोला जाता था, लेकिन इस नई व्यवस्था में बदलाव के बाद अब राज्य और जिला स्तरीय आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) की जवाबदारी बढ़ जाएगी.