जब ज़िन्दगी कठिनाइयों से भरी हो और हर कदम पर संघर्ष हो, तब भी एक महिला अपने अदम्य साहस और धैर्य से हर मुश्किल को पार कर सकती है. चाहे वह व्यक्तिगत चुनौतियों का सामना कर रही हों या समाजिक प्रतिबंधों से लड़ रही हों, उसकी निरंतरता और सहनशीलता उसे आगे बढ़ने में मदद करती हैं. महिलाएं अपनी स्थिति को समझकर उसे सुधारने में सक्षम होती हैं और समाज में बदलाव लाने के लिए सक्रिय रहती हैं.
दसांगलू पुल (Dasanglu Pul) की कहानी भी ऐसी ही एक प्रेरणादायक यात्रा है. उनकी जिंदगी में कई कठिन मोड़ आए, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. उनके संघर्ष और संकल्प की यह कहानी न केवल उनके साहस को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि एक महिला अपनी शक्ति और सामर्थ्य से दुनिया को बदल सकती है. दसांगलू पुल ने अपने जीवन के हर मोड़ पर यह साबित किया है कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी बाधा हमें रोक नहीं सकती.
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Meter Reading का करती थी काम
दसांगलू पुल की कहानी संघर्ष, धैर्य और साहस की अद्भुत मिसाल है. उनकी यात्रा एक मीटर रीडर से लेकर अरुणाचल प्रदेश की मंत्री बनने तक की है. उनकी इस कहानी में ना सिर्फ संघर्ष है, बल्कि एक महिला के रूप में उनकी सफलता भी है, जो हर किसी को प्रेरित करती है.
दसांगलू पुल (Dasanglu Pul) अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh, India) के सर्टी गांव से ताल्लुक रखती हैं. उनके पिता तांगलैसो तुलांग एक प्रसिद्ध पुजारी थे, जिनका निधन दसांगलू के बचपन में ही हो गया था. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा वालॉन्ग और हैयूलियांग के सरकारी स्कूलों से पूरी की.
परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण, दसांगलू ने टाइपिंग का कोर्स किया और फिर बिजली विभाग में एक मीटर रीडर के रूप में काम करना शुरू किया. इस नौकरी से उन्होंने अपने परिवार का सहारा बनना शुरू किया.
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पति की मौत के बाद उत्तरी Politics में
दसांगलू पुल (Dasanglu Pul) की शादी Arunachal Pradesh के पूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल (Kalikho Pul) से हुई थी. Kalikho Pul ने राजनीतिक उलटफेरों के चलते 2016 में आत्महत्या कर ली थी. पति की मृत्यु के बाद, दसांगलू ने राजनीति में कदम रखा. उन्होंने अपने पति की सीट, हैयूलियांग निर्वाचन क्षेत्र (Hayuliang Vidhan Sabha Constituency) से उपचुनाव लड़ा और जीत हासिल की. 2017 से वह अरुणाचल प्रदेश विधानसभा में हैयूलियांग और अंजॉ जिले का प्रतिनिधित्व कर रही हैं.
हाल ही में, उन्हें मुख्यमंत्री पेमा खांडू (Chief Minister Pema Khandu) के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया, जिससे वह अरुणाचल प्रदेश विधान सभा में कदम रखने वाली दूसरी महिला मंत्री बनीं.
दसांगलू पुल ने अपनी जीत पर कहा,
"मेरा मंत्रिमंडल में शामिल होना एक संदेश है कि हमारी सरकार महिलाओं के आरक्षण के प्रति समर्पित है."
दसांगलू पुल (Dasanglu Pul) ने अरुणाचल प्रदेश महिला और बाल विकास विभाग में सलाहकार (Adviser to the Arunachal Pradesh Women and Child Development Department) के रूप में भी सेवा दी है. इस भूमिका में, उन्होंने महिलाओं और बच्चों की भलाई के लिए नीतियों और कार्यक्रमों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिससे समुदाय में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद मिली.
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