महिलाओं को एंटरप्रेन्योर्स बनाने में सरकार का हर प्रयास अब परिणाम देना शुरू कर दिया है. चाहे फिर वह मध्यप्रदेश की लाड़ली बहना योजना हो या असम का इस स्वतंत्रता दिवस पर लिया गया फैसला! महिलाओं का सशक्तिकरण और उन्हें आगे बढ़ाने की राह में असम सरकार का यह फैसला एक बहुत बड़ा रोल निभाएगा. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए एक परियोजना शुरू की है.
असम की SHG महिलाएं बनेंगी सशक्त
सरकार की योजना स्वयं सहायता समूहों (SHG) के गठन के माध्यम से 39,56,000 महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें बिज़नेस करने के लिए आगे बढ़ाने की कोशिश है. परियोजना से जुड़ी प्रत्येक महिला को 10,000 रुपये का प्राइमरी ग्रांट दिया जाएगा जो सीधे उनके बैंक अकाउंट्स में जमा होगा. यह राशि उन्हें खुद का व्यवसाय इस्टैब्लिश करने के लिए प्रारंभिक कदम होगी.
Self Help Group आंदोलन एक alternative development strategy है जिसमें समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की प्रोसेसेज़ शामिल है. पिछले दो वर्षों में राज्य सरकार ने SHG ऋण लिंकेज में 65% की वृद्धि की है. राज्य में लगभग 3.38 लाख SHGs की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार ने 5078 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी है. असम राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (ASRLM) के साथ इन SHGs को अपनी काम के लिए एक बाज़ार भी मिल गया है. असम सरकार की तरह दूसरी सरकारों को भी अपनी राज्य की महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए इस तरह की पहल करते रहना चाहिए.