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साल 2023 को UN में इस बार मोदी सरकार के influence में millets year (millets year 2023) घोषित किया गया था. भारत के हर व्यक्ति को शुद्ध और पौष्टिक भोजन खाने के लिए प्रेरित करना सरकार के प्राथमिक उद्देश्यों में से एक है. सरकार किसानों को भी बाजरा उगाने के लिए प्रेरित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही.
इसी उद्देश्य के साथ मोटे अनाज को उगाने में किसानों की लगन और रूचि को बढ़ता देख उनकी उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए, राजस्थान (Rajasthan News) के बाड़मेर के पश्चिमी सीमा पर स्थित गुड़ामालानी में एक बाजरा अनुसंधान केंद्र स्थापित किया गया है. यह पहल किसानों की आय दोगुनी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.
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जब पारंपरिक तरीकों का उपयोग करके प्रसंस्करण की बात आती है तो बाजरा जैसे मोटे अनाज की खेती अक्सर चुनौतियों का सामना करती है. बाजरा अनुसंधान केंद्र का लक्ष्य किसानों और स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं, विशेषकर मोटे अनाज की खेती में शामिल महिलाओं को बहुमूल्य सहायता प्रदान करना है.
बाजरा अनुसंधान केंद्र बाजरा पर नए शोध का नेतृत्व करेगा, जिससे बिस्कुट, केक, परांठे और नमकीन जैसे 20 से अधिक बाजरा-आधारित उत्पादों के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा. इन उत्पादों की बिक्री से किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है. इसके अतिरिक्त, यह केंद्र bajre की नई किस्मों को विकसित करने के लिए technology की applications का पता लगाएगा, जिससे पूरे राजस्थान के किसानों को लाभ होगा.'
Image credits: Down to earth
इस foundation stone ceremony में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी शामिल थे. यह केंद्र महिला किसानों और self help group के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा. ग्रामीण महिलाओं का विकास भी सरकार की प्राथमिकता है और इस केंद्र की वजह से वे आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनेंगी.