देहरादून सचिवालय (Dehradun Secretariat) में खुले इस आउटलेट्स (Outlates) से मोटे अनाज (Millets) के आइटम्स को बढ़ावा देकर CM (CM) धामी (Dhami) ने UN द्वारा 2023 में घोषित 'ईयर ऑफ़ द मिलेट्स' (Year Of The Millets) के मकसद भी पूरा कर दिया.
SHG की महिलाओं को मिलेगा सम्मान और रोजगार
उत्तराखंड (Uttarakhand) सचिवालय (Secretariat) परिसर में खोले गए मिलेट्स बेकरी (Millets Bakery) की शुरुआत करने पर मुख्यमंत्री (Chief Minister) पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने कहा- "इस सेंटर से स्वयं सहायता समूह (Self Help Group)की महिलाओं को सम्मान और नए रोजगार मिलेंगे. हमारे पूरे राज्य में मोटे अनाज का उत्पादन और खेती में किसान रूचि ले रहे. साल 2025 तक सवा लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है. अभी तक 40 हजार 270 महिलाएं लखपति दीदी बनाई जा चुकी है."
मिलेटस कैफे में मौजूद SHG की महिलाओं के साथ सीएम धामी (Image Credit: ANI)
चयनित स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) की महिलाओं को बेकरी विशेषज्ञ उत्पाद की प्रक्रिया के लिए ट्रेनिंग लगातार दे रहे.
मिलेट्स की कई प्रजातियों से बनी पहचान
उत्तराखंड में Self Help Group की महिलाएं लोकल मंडुआ, झंगोरा, ज्वार, चौलाई जैसे कई किस्म के उत्पादन बड़े पैमाने कर रहीं हैं देहरादून के रायपुर ब्लॉक और जनपद पौड़ी के ब्लॉक में 2 मिलेट उत्पादों की बेकरी शुरू की.
मिलेट बेकरी (Millets Bakery) में मंडुआ तथा झंगोरा का प्रोसेसिंग कर बिस्किट, ब्रेड कई उत्पाद बनाए जा रहें है. प्रयास किए जा रहें हैं कि ट्रेनिंग के माध्यम से महिलाएं बढ़िया क्वालिटी के आइटम्स बनाना सीख सकें. कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव राधिका झा एवं ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारी मौजूद थे.