डालमिया भारत ग्रुप (Dalmia Bharat Group), सीमेंट और शक्कर जैसे व्यापार करता है. अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस (International Rural Women Day) के अवसर पर अठारह हज़ार महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की घोषणा की है. आत्म स्वयं सहायता समूह बनाकर, महिलाओं को आजीविका विकास के लिए कौशल ट्रेनिंग और महत्वपूर्ण संसाधनों तक पहुंच बढ़ाएगा.
डालमिया महिलाओं को दे रहा छोटे उद्योग शुरू करने की ट्रेनिंग
नेशनल रूरल लाइवलीहुड मिशन, NABARD आदि जैसे संगठनों के साथ मिलकर डालमिया भारत सिंगार और गैस में छोटे उद्योग विकास, हस्तशिल्प उत्पादन, खेती और गैस क्षेत्र जैसे दूसरे क्षेत्रों में महिलाओं को ट्रेनिंग देगी. भारत के बारह राज्यों में इन ट्रेनिंग गतिविधियों का आयोजन किया जायेगा.
Image Credits : OrissaDiary
इसका उद्देश्य महिलाओं को शिक्षित कर, आर्थिक रूप से सशक्त बनाकर, उन्हें महिला सशक्तिकरण की राह पर अग्रसर करना है साथ ही औपचारिक क्रेडिट प्रणालियों तक उनकी पहुंच बढ़ाना है.
ओडिशा, छत्तीसगढ़, असम और मेघालय में शुरू की जा चुकी है ट्रेनिंग
ओडिशा में दो योजनाएं महिला शिल्पकारों (women weavers) के सौंदर्य और उद्योग विकास के ज़रिये कौशल ट्रेनिंग देगा. डालमिया भारत ने ओडिशा में अब तक दस हज़ार से ज्यादा महिलाओं को वित्तीय रूप से स्वतंत्र बनाने में सफलता प्राप्त कर ली है. महिलाओं महीने के चार से आठ हज़ार रुपये के बीच कमातीं है. छत्तीसगढ़ में वह की जरूरतों को देखते हुए मशरूम की खेती शामिल की गई है.
Image Credits : The Meghalayan
असम और मेघालय में पशुपालन, मशरूम उत्पादन, कृषि पोषण उद्यान, सिलाई, सौंदर्य सेवाएं जैसे कई क्षेत्रों में कौशल विकास और उद्यम ट्रेनिंग का आयोजन किया गया है. बारह सौ से ज्यादा महिलाओं को वित्तीय स्वतंत्रता मिली है. महिलाएं महीने के चार से दस हज़ार रूपए तक कमा रही है. असम और मेघालय में USHA इंटरनेशनल के साथ मिलकर 'सिलाई स्कूल' प्रोग्राम के ज़रिये महिलाओं को आय उत्पन्न करा रहा है.
डालमिया भारत फाउंडेशन के सीईओ, अशोक के गुप्ता ने बताया कि, "विकासशील देशों में ग्रामीण महिलाएं खाद्य सुरक्षा और आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाती हैं, लेकिन असमानता अभी भी बरक़रार है, सीमित भूमि के स्वामित्व, अधिक असशक्षतता दरें, और पुरुषों के मुकाबले उन्हें काम सैलरी दी जाती है." दलमिया भारत समग्र कार्यक्रमों के ज़रिये असमानिकृत ग्रामीण महिलाओं की स्वायत्तता को बढ़ाना है, घरेलू जिम्मेदारियों का प्रबंध करते समय उनकी आय को मजबूत बनाना है.
पोषण, स्वास्थ्य और उद्यमिता के बारे में, 'एग्री न्यूट्री गार्डन' कार्यशाला के ज़रिये, महिलाओं को खाद्य प्रसंस्करण में व्यवसाय जैसे अचार, जैम और जेली आदि प्रोडक्ट्स बनाने में मदद करता है.