New Update
/ravivar-vichar/media/media_files/rYqUc9Vb5uHu8YegybH2.jpg)
Image: Ravivar vichar
Image: Ravivar vichar
कई कंपनियां अपनी CSR पहल के तहत समाज कल्याण और महिला सशक्तिकरण की पहलों को ज़मीनी स्तर पर लागू कर रही हैं (CSR working for women empowerment). ऐसी ही एक पहल डालमिया भारत लिमिटेड (डीबीएल) की सहायक कंपनी डालमिया सीमेंट (भारत) लिमिटेड (DCBL) ने की.
ओडिशा आइडिया एक्सीलेंस अवॉर्ड्स व्यक्तियों और संगठनों को सतत विकास और सामुदायिक जुड़ाव को बढ़ावा देने वाली अनोखी और सस्टेनेबल CSR पहलों के ज़रिए समाज में उनके परिवर्तनकारी योगदान के लिए मान्यता देता है.
डालमिया सीमेंट (भारत) लिमिटेड की उत्कृष्ट टिकाऊ आजीविका पहलों- 'प्रोजेक्ट हस्तकला' और 'प्रोजेक्ट अन्नदाता' के लिए ओडिशा आइडिया एक्सीलेंस अवॉर्ड 2023 से सम्मानित किया गया है. ओडिशा CSR फोरम द्वारा प्रस्तुत, DCBL, राजगांगपुर के Resettlement and Rehabilitation (R&R) wing को ओडिशा में इन अभिनव परियोजनाओं को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए मान्यता मिली.
यह भी पढ़ें: BIMTECH के साथ छात्र बड़े गांवों की ओर
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में ओडिशा (Odisha) मानवाधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति शत्रुघ्न पुजाहारी उपस्थित थे.
इस मान्यता के लिए आभार व्यक्त करते हुए, DCBL के कार्यकारी निदेशक और और यूनिट हेड-राजगांगपुर, श्री चेतन श्रीवास्तव ने कहा, “हम ओडिशा आइडियाज एक्सीलेंस अवॉर्ड पाकर बेहद सम्मानित महसूस कर रहे हैं, जो डालमिया सीमेंट की सतत विकास के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है. दो अनूठी परियोजनाएं समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालने के हमारे लक्ष्य को दर्शाती हैं - कौशल विकास के ज़रिए महिलाओं को सशक्त बनाना और सस्टेनेबल कृषि ईकोसिस्टम को बढ़ावा देना. यह पुरस्कार हमें नवाचार और सामाजिक जिम्मेदारी की अपनी यात्रा जारी रखने, सभी के लिए एक उज्जवल और अधिक टिकाऊ भविष्य में योगदान करने के लिए प्रेरित करता है.''
Image Credits: Orissadiary
प्रोजेक्ट हस्तकला एक अनूठी 'खुशी के साथ कमाई' कौशल विकास पहल है जो ओडिशा में टाई और डाई बाटिक हैंडलूम कला में 90 से ज़्यादा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सशक्त बनाती है. हस्तशिल्प उत्पादों ने लॉन्च के सात महीने के भीतर 20 लाख रुपये के प्रभावशाली कारोबार के साथ देश भर में सफल रिटेल बिक्री देखी है. सभी उत्पादों की मार्केटिंग SADRI.e ब्रांड नाम के तहत की जा रही है.
प्रोजेक्ट अन्नदाता किसानों के लिए शुरू की गई एक अनोखी पहल है जो खर्चों को कम कर फसल पैदावार क बढ़ाने के लिए किसानों को धान के बीज और विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्रदान करती है. किसान उत्पादक संगठन (FPO) के ज़रिए अनाज बैंक की स्थापना न केवल स्थिरता को बढ़ावा देती है बल्कि किसानों के बीच सामुदायिक सहयोग को भी बढ़ावा देती है. इस अभिनव मॉडल में, किसान अपने उत्पादन से 20 किलोग्राम धान का योगदान करते हैं, जिससे बाद में और ज़्यादा किसानों को शामिल करने में सुविधा मिलती है.
इस तरह के CSR ज़रूरी जानकारी, कौशल, और संसाधनों को ज़मीनी स्तर पर काम कर रहे लोगों तक पहुंचाकर, उन्हें सशक्त बनने में मदद कर रहा है. इस तरह की पहले समान और विकासशील समाज की नींव रखती हैं.
यह भी पढ़ें: सामाजिक प्रगति से जुड़े प्रयासों के लिए सुमन मिंडा को मिला ऑनोरिस कॉसा