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उपराज्यपाल वीके सक्सेना (Lieutenant Governor VK Saxena) ने खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) के ज़रिये दिल्ली के गांवों में खादी और ग्रामोद्योग विकास कार्यक्रमों (Khadi and village industry development programmes) को बढ़ावा देकर 'आत्मनिर्भर भारत' (Atmanirbhar Bharat) अभियान को मज़बूती दी है. सक्सेना ने 130 लाभार्थियों को हनी बी-बॉक्स और टूलकिट बांटे (honey bee boxes and toolkit distributed) और ग्रामीण भारत में रोजगार के अवसर पैदा करने में खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा निभाई गई अहम भूमिका पर जोर दिया. कार्यक्रम का आयोजन केवीआईसी, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, राज्य कार्यालय दिल्ली, भारत सरकार की 'ग्रामोद्योग विकास योजना' (Village Industries Development Scheme) के तहत किया गया था.
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उपराज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के सहयोग से 2017 में केवीआईसी द्वारा शुरू किए गए हनी मिशन की सफलता के बारे में बताया. अब तक, 20 हजार किसानों और मधुमक्खी पालकों को 2 लाख से ज़्यादा मधुमक्खी बक्से और शहद कॉलोनियां वितरित की गई हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए रास्ते तैयार हुए और किसानों की आय में बढ़ोतरी हुई है.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद मनोज तिवारी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में युवाओं को लघु और कुटीर उद्योग शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए खादी और ग्रामोद्योग आयोग के साथ सहयोग करने का इरादा जताया है. तिवारी ने इस बात पर जोर दिया कि इन पहलों में शामिल होकर युवा स्वरोज़गार के रास्ते ढूंढ सकेंगे और दूसरों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा करेंगे.
केवीआईसी के अध्यक्ष, मनोज कुमार ने कहा कि इस तरह के लक्ष्यों के साथ 'मेक इन इंडिया', 'मेक फॉर वर्ल्ड' और 'लोकल टू ग्लोबल' की सफलता में भी हाथ बंट रहा है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में केवीआईसी ने 1.34 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा का कारोबार किया, जो इसके 66 साल के इतिहास में सबसे अधिक रहा. लेदर इंडस्ट्री के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह को लेदर मैनुफेक्चरिंग मशीन और टूल किट दिए गये.