राजस्थान (Rajsthan) के अलवर (Alwar) जिले में में कई एकड़ के खेतों में अब किसानों को एडवांस खेती और ड्रोन उड़ाते (Drone) देख सकते हैं. किसान अब ड्रोन (Drone) मेथड से ही अपनी फसलों (Crop) पर कीटनाशक (Fertilizer) छिड़क रहे. किसानों ने इसे ज्यादा फायदेमंद बताया.
महंगा कीटनाशक की नहीं होगी बर्बादी
अलवर (Alwar) के किसानों का कहना है- "पहले हम अपने पीठ पर कीटनाशक से भरा टैंक बांध कर छिड़काव करते थे. इस काम में टाइम के साथ महंगा कीटनाशक अधिक उपयोग होता. इससे ड्रोन से बर्बादी रुकेगी. साथ ही सही मात्रा में एक जैसा छिड़काव होने की वजह से फसलों की पैदावार भी बढ़ेगी." कृषि साइंटिस्ट का मानना है कि एक एकड़ में दवाई छिड़कने में केवल 5 से 7 मिनिट लगेंगे.
कृषि विज्ञान केंद्र उज्जैन (KVK Ujjain) के प्रमुख साइंटिस्ट डॉ.आरपी शर्मा कहते हैं- "यह अभी शुरुआत है. किसानों का फीडबैक लिया जा रहा. आने वाले समय में इसका फायदा किसानों को मिलेगा. ड्रोन उपयोग के लिए की जाने वाली औपचारिकता का भी सरलीकरण होगा."
ड्रोन से फसलों पर कीटनाशक छिड़काव की नई पद्धति (Image Credits: Krishi Jagaran)
किसानों को मिल रही सेफ्टी
ड्रोन (Drone) के उपयोग की ख़ास बात यह है कि किसान खेत की मेढ़ पर खड़े होकर ड्रोन से खेतों के बीच में फसलों पर कीटनाशक छिड़कर रहा. इस प्रक्रिया से किसान खेतों में खड़ी फसलों के बीच जाने से बच रहा. अधिकांश सांप और दूसरे जहरीले जानवरों के डंसने का डर बना रहता है. किसानों की मौत की सांप के काटने के कई केस सामने आते हैं. डॉक्टर्स का कहना है- "किसान को सांप या कोई और जहरीले जानवर के काटने के बाद अस्पताल में लाने में देरी भी मौत की वजह बन जाती है ."
ड्रोन (Drone) को किसानों के लिए उपयोग में लाने के लिए इस बार प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने भी खास फोकस किया. यहां तक कि स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) की महिलाओं को इस प्रोजेक्ट से जोड़ने के लिए पीएम (PM) मोदी (Modi) ने 15 अगस्त के भाषण में ज़िक्र किया.
15 हजार समूहों (SHG) को देशभर में ड्रोन (Drone) की ट्रेनिंग (Training) और मेंटेनेंस के लिए ट्रेन करने की बात कही. कुछ समय से आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) के सहारे समूह की महिलाएं खेती-किसानी में ज्यादा रूचि ले रही.