SHG महिलाएं प्लास्टिक से बनी ईंटों से बढ़ी आत्मनिर्भरता की ओर

वाराणसी, उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बेकार प्लास्टिक से इंटरलॉकिंग ईंटें तैयार करेंगी.

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हेमा वाजपेयी
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interlocking bricks

Image Credits : Livevns.news

वाराणसी, उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाएं (women self help groups) महत्वपूर्ण पहल का हिस्सा बन रही हैं, जिसमें वे बेकार प्लास्टिक से इंटरलॉकिंग ईंटें तैयार करेंगी.

इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना है. जिला प्रशासन SHG महिलाओं (Varanasi SHG Women) से इंटरलॉकिंग ईंटें लेगा. इस पहल के तहत पहला प्लांट पिंडरा ब्लॉक के गजोखर में स्थापित किया जाएगा.

इंटरलॉकिंग ईंटों का इस्तेमाल होगा सड़कों के निर्माण में

खादी ग्रामोद्योग विभाग ने कारोबार शुरू करने के लिए पच्चीस लाख रुपये का बजट आवंटित किया है. धनराशि बैंक से प्राप्त होने पर, प्लांट की स्थापना का काम शुरू हो जायेगा. प्लांट में बनाई गई ईंटें सड़कों के निर्माण में इस्तेमाल की जाएंगी. सबसे पहले पिंडरा ब्लॉक में यह प्लांट स्थापित किया जाएगा.

इसके बाद आराजी लाइन और चिरईगांव में भी प्लांट की स्थापना होगी. प्रशासन की योजना है कि सभी ब्लॉक्स में प्लांट स्थापित किए जाएंगे. हर प्लांट में लगभग सौ महिलाएं रोजगार पाएंगी.

वाराणसी के चिरईगांव ब्लॉक के बर्थरा कला, सेवापुरी के भीषमपुर और पिंडरा के नोहिया गांवों में सोलह लाख रुपए का निवेश कर प्लांट स्थापित किया गया. तीनों प्लांट्स में गांवों से होने वाले प्लास्टिक को रीसाइकिल कर प्लास्टिक मोल्ड तैयार किए जाएंगे. इस प्लास्टिक को सड़क निर्माण इकाइयों को बेचा जाएगा और यह इंटरलॉकिंग ईंट तैयार करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा.

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