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Himachal Pradesh के वनों के लिए ख़ास योजना बनाई. JICA योजना लागू कर यहां के SHG से जुड़ी महिलाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते खोल दिए. E-Commerce Portal खुलने जा रहे. राज्य सरकार पुरानी शैली को वापस जीवित करने में जुट गई.
Himachal Pradesh के वानिकी विभाग ने Japan International Cooperation Agency (JICA) के सहयोग से Self Help Group की महिलाओं को काम देगा. वन विभाग के मुख्य परियोजना निदेशक नागेश गुलेरिया की अध्यक्षता में जेआईसीए वानिकी परियोजना की 18वीं कार्यकारी समिति की बैठक हुई.
नागेश गुलेरिया ने बताया- "हिमाचल की पहचान 'भोजपत्र’ का ई-कॉमर्स पोर्टल जल्दी शुरू किया जाएगा. SHG द्वारा तैयार प्रोडक्ट्स इसके माध्यम से बेचे जाएंगे."
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जेआईसीए की हर्बल सेल रोडोडेंड्रोन, जंगली गेंदा और ‘सतुवा’ (पेरिस पॉलीफिला स्मिथ) का उत्पादन भी शुरू करेगी. स्वयं सहायता समूह रोडोडेंड्रोन, जंगली गेंदा और ‘सतुवा’ का उत्पादन करके समूह की महिलाएं अपनी कमाई कर सकेंगी. साथ ही फारेस्ट ब्लॉक के आउटलेट्स भी खोले जाएंगे.
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हिमाचल प्रदेश की पहचान Bhojpatra एक तरह का पेड़ है. प्रकृति में यह पेड़ समुद्र तल से लगभग 3 से 4 हजार मीटर ही पनप सकते हैं.पौराणिक शास्त्रों के अनुसार प्राचीन ग्रंथ को लिखने में इन्हीं भोजपत्रों का उपयोग किया गया. इनकी पत्तियां ख़राब नहीं होती. इस पर टेक्स्ट लिखा जा सकता है. इसकी लकड़ी की लुगदी बनाकर कागज़ भी तैयार किया जाता है. JICA परियोजना Bio Diversity के अंतर्गत यह काम करेगी.