लक्षद्वीप में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कोचीन में ICAR-सेंट्रल समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान (ICAR-CMFRI) द्वारा निर्देशित सीवीड फार्मिंग (seaweed farming) पहल ने 2022-23 सीज़न के दौरान ज़बरदस्त सफलता हासिल की. ICAR और लक्षद्वीप (Lakshadweep) प्रशासन के सहयोग से टीएससी-पर्पल टर्टल कंपनी (TSC-Purple Turtle Company) के नेतृत्व में इस उद्यम में द्वीपसमूह की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने और स्थानीय महिलाओं को रोज़गार का ज़रिया मिला.
परियोजना से हुई 15 टन उपज
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यह परियोजना लगभग 2,500 निवासियों वाले एक छोटे से द्वीप चेटलथ में शुरू की गई थी. पहली फसल, 45 दिनों में काटी गई जिसमें लगभग 15 टन उपज हुई. इस सफलता को देख विस्तार किया गया, जिसकी वजह से नवंबर 2022 तक 30 प्लॉट और 3 हज़ार ट्यूब नेट (tube nets) तैयार किये गए. महिलाओं ने इस पहल में अहम भूमिका निभाई, स्वयं सहायता समूहों (self help groups) की लगभग 20 सदस्यों ने नेट तैयार करने, बीज बोने और कटाई जैसी गतिविधियों में भाग लिया. आठ महीनों में, कार्यक्रम ने लगभग 3,000 मैन डेज का काम किया, जिससे औसतन 380 रुपये की दैनिक कमाई हुई.
इस प्रगति को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने भी सराहा और सीवीड उद्यम (seaweed farming enterprise) की महिलाओं को अहम बैठक के लिए आमंत्रित किया गया. लक्षद्वीप प्रशासन किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) और मुद्रा ऋण (Mudra Loan) जैसे भारत सरकार के कार्यक्रमों को बढ़ावा दे रहा है, जिससे मछली पालन को फायदा हो रहा है.
सस्टेनेबल और इन्क्लूसिव सीवीड उद्यम किये जायेंगे विकसित
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समुद्री शैवाल उद्यम को और विकसित करने के लिए हैचरी, बीज भंडार, निगरानी सुविधाएं और मेरिकल्चर इन्क्यूबेशन केंद्रों की शुरुआत अहम है. नीति आयोग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, सरकार के साथ सहयोग कर रहे हैं. भारत सरकार और लक्षद्वीप प्रशासन का लक्ष्य वैज्ञानिक नज़रिये को बढ़ावा देना, तकनीकी सहायता प्रदान करना और क्षेत्र में सस्टेनेबल और इन्क्लूसिव सीवीड उद्यम विकास (Inclusive Seaweed Enterprise Development) के लिए नीतियां तैयार करना है. इससे बायोडायवर्सिटी (biodiversity) को बचाने और साथ ही मछुआरों और छोटे उद्यमों को फायदा पहुंच सकेगा.