ओडिशा में आदिवासी महिला किसानों को सशक्त बनाता ICRISAT

ओडिशा में International Crops Research Institute for the Semi-Arid Tropics (ICRISAT) आईसीआरआईएसएटी ने कालाहांडी और बरगढ़ जिलों में महिला किसानों को शुष्क भूमि (drylands) के परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण माना.

author-image
किरण मुरिया
New Update
what is women empowerment

Image credits- Google Images

ओडिशा में International Crops Research Institute for the Semi-Arid Tropics (ICRISAT) आईसीआरआईएसएटी ने कालाहांडी और बरगढ़ जिलों में महिला किसानों को शुष्क भूमि (drylands) के परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण माना. यह महिलाएं चावल परती प्रबंधन परियोजना (Rice Fallow Management project), जो कि ओडिशा सरकार के नेतृत्व वाली पहल है, उसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और योगदान देती है.

ICRISAT बढ़ा रहा महिलाओं को किसानी में आगे

ICRISAT ने उन अग्रणी महिला किसानों को सम्मानित किया जो धान की परती (Rice Fallow) में बदलाव ला रही है और स्वयं सहायता समूह (SHG) की अपनी साथी किसानों के साथ इसको साझा भी कर रही है. इस कार्यक्रम में दोनों जिलों की 150 से अधिक महिला किसानों ने भाग लिया, जिनमें बारगढ़ के महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के 55 सदस्य और कालाहांडी के 49 सदस्य शामिल थे.

यह भी पढ़े- 20 मिनिट में मेडिकल ड्रोन ने पूरा किया 40 कीमी सफ़र

वहाँ मौजूद किसान कमला प्रधान ने कहा- “हमें स्वीकार करने और सम्मान देने के लिए धन्यवाद. यह हमें बहुत खुशी देता है और हमें बदलाव के लिए और भी अधिक प्रयास करने को प्रेरित करता है. हमारी कड़ी मेहनत को पहचानने और आज हमारे साथ जश्न मनाने के लिए हम ICRISAT के आभारी है.''  

महिलाओं के लिए खेती चुनौतीपूर्ण कार्य है लेकिन जब उनके प्रयासों को इस तरह की मान्यता और सराहना मिलती है तो उनकी ख़ुशी दुगनी हो जाती है. क्षेत्र की उन महिलाओं का भी सम्मान हुआ जिन्होंने महिलाओं को समूह में जोड़ने का काम किया और साथ ही राइस फॉलोज़ प्रोजेक्ट (Rice Fallows Project) में भाग लेने के लिए प्रेरित किया.

यह भी पढ़े- Millet conservation में सबसे आगे 2 ट्राइबल महिलाएं

माँ लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह के सदस्यों ने साझा किया- "हमें चावल परती प्रबंधन कार्यक्रम (Rice Fallow Management programme) का हिस्सा बनकर खुशी हो रही है. यह हमें खाद्य सुरक्षा (food security) सुनिश्चित करने और हमारे परिवारों के लिए थोड़ी अतिरिक्त आय प्रदान करने के करीब लाया है. हमने अपनी परती भूमि (fallow land) के लिए खेती की नई तकनीक सीखीं, जिससे हम अधिक भोजन पैदा करने में सक्षम हुए."

आईसीआरआईएसएटी (ICRISAT) स्टाफ ने बीजों के संरक्षण और पुन: उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए बीज उत्पादन और भंडारण तकनीकों पर ज्ञान साझा करके महिला किसानों की चिंताओं पर विशेष ध्यान दिया. पारंपरिक और आधुनिक बीज प्रणालियों पर अंतर्दृष्टि के आदान-प्रदान ने महिला किसानों के लिए टिकाऊ कृषि में योगदान करने के अद्वितीय अवसरों पर प्रकाश डाला.

यह भी पढ़े- SHG सुपरवुमन को राष्ट्रपति सम्मान

आईसीआरआईएसएटी के महानिदेशक डॉ. जैकलीन ह्यूजेस (Director General of ICRISAT Dr. Jacqueline Hughes) ने इन महत्वपूर्ण चर्चाओं को सुविधाजनक बनाने के लिए टीम की सराहना की, जो कृषि परिवर्तन (agricultural resilience) और खाद्य सुरक्षा (food security) सुनिश्चित करने में महिलाओं की स्थायी विरासत और बढ़ती भूमिका को उजागर करती है.

डॉ ह्यूजेस (Director General of ICRISAT Dr. Jacqueline Hughes) ने कहा- "महिला किसानों के अनुभव और योगदान, खाद्य सुरक्षा (food security) प्राप्त करने और जलवायु-स्मार्ट कृषि प्रथाओं (climate-smart agricultural practices) को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है."

इस अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2024 पर, हमें इन अग्रणी महिला किसानों को सम्मानित करने पर गर्व है जो बदलाव ला रही है और हम सभी को बेहतर भविष्य के लिए और भी अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित कर रही है.

SHGs ICRISAT Rice Fallow Management project Dr. Jacqueline Hughes