तुलसी से शुद्धि की झाबुआ में हुई पहल

झाबुआ जिला प्रशासन ने स्वयं सहायता समूह को नई भूमिका में दिखाया. समूह की  महिलाओं को तुलसी के पौधे सौंपने की पहल शुरू की गई. प्रदेश में अपने तरह की यह अनूठी शुरुआत का मकसद घर की शुद्धि के साथ गांव को स्वस्थ रखना है. यह अभियान गांव-गांव शुरू हुआ.

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झाबुआ जिले में SHG महिलाएं तुलसी पौधों के साथ (Image Credits: Ravivar Vichar)

झाबुआ (Jhabua) ब्लॉक मैनेजर (BM) तृप्ति बैरागी कहती हैं - "तुलसी के पौधे तैयार किए गए. हर ब्लॉक में समूह की महिलाओं को दिए जा रहे. वे खुद अपने घर-आंगन में लगाएगी और गांव में बाटेंगी.एक-एक महिला को 25-25 पौधे दिए जाएंगे. इसके साथ ही तुलसी का काढ़ा तैयार करना भी सिखाया जाएगा.जिससे ग्रामीण मौसमी संक्रमण से बच सके."

11 लाख से ज्यादा तुलसी पौधों का वितरण 

मध्यप्रदेश (MP) के  झाबुआ (Jhabua) जिले में स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) की सदस्य महिलाओं को जिला प्रशासन ने तुलसी (Tulsi) के पौधे वितरित करना शुरू किया. जिले के पूरे छह ब्लॉक में यह व्यवस्था की गई. आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) के ब्लॉक मैनेजर (BM) ने यह कमान संभाली. जिले में लगभग 11 लाख 30 हजार पौधे और तुलसी  बीज (Tulsi Seed)  बांटे जा रहे. जिले में महिलाओं ने उत्साह से तुलसी के पौधे लिए. रैली की शक्ल में अपने-अपने गांव और घरों तक पहुंची.

 रामा ब्लॉक की ब्लॉक मैनेजर (BM) आशा शर्मा ने बताया- "कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ के गाइडेंस में यह पहल हुई. हर समूह इस पौधे को लगा रहा है.संक्रमण के दौरान घैलरु इलाज का सबसे बढ़िया उपयोग तुलसी का ही किया जाता है."                        

कोरोना के बाद से बढ़ा तुलसी का ट्रेंड

कोरोना (Corona) काल के बाद से ही आयुर्वेद (Ayurved) और होम्योपैथी (Homeopathy) जैसी विधा और घरेलु उपाय में तुलसी  (Tulsi)  का ट्रेंड बढ़ गया. आस्था और औषधीय गुणों से भरपूर तुलसी के पौधे को बांटने और महिलाओं को ख़ास माध्यम बनाया गया.

आयुष विभाग की  उप संचालक (Deputy Diractor) भोपाल (Bhopal) डॉ.निधि गुप्ता (Nidhi Gupta) कहती हैं- "किसी भी एलर्जी या संक्रमण को रोकने में तुलसी का प्रयोग कारगर होता है. इस पौधे की पत्ती, बीज सभी का उपयोग किया जाता. इम्युनिटी बूस्टर के रूप में तुलसी सबसे अधिक महत्वपूर्ण है. तुलसी (Tulsi) का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.इसका उपयोग सर्दी-जुकाम,खांसी, दांतों के दर्दऔर सांस के लिए रोग के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है."

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                           अलग-अलग स्थानों पर समूह की महिलाओं ने तुलसी पौधे लिए (Image Credits: Ravivar Vichar)

 

सेवा से पहले खुद का बेहतर स्वास्थ्य जरुरी 

जिला पंचायत (ZP) की सीईओ (CEO) रेखा राठौर (Rekha Rathore) कहती हैं- "तुलसी के पौधे आस्था और औषधि का प्रतीक है. इसे कभी कोई परिवार सूखने नहीं देता. प्रशासन ने आजीविका मिशन से जुड़े सभी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को ये दिए गए. संक्रमण को रोकने का सबसे घरेलु उपाय है.यह पहल सफल रही."



जिला प्रशासन ने खुद इन पौधों की व्यवस्था की. निःशुल्क दिए. कलेक्टर (DM) तन्वी हुड्डा (Tanvi Hudda) का मानना है- "किसी की भी सेवा से पहले खुद का स्वस्थ रहना बहुत जरुरी है. मौसम परिवर्तन के साथ खांसी-सर्दी और कई तरह के डेंगू जैसी बीमारी से लोग परेशान हैं. तुलसी के गुण और उसका उपयोग सभी संक्रमण बीमारी में प्रतिशोधक है.समूह की महिलाओं को ये बांटे गए. यह प्रयोग सफल रहा." कलेक्टर (DM) हुड्डा (Hudda) ने मंडला (Mandla) जिले में कलेक्टर (DM) रहते यह प्रयोग किया था.

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