भारत की सरकार फ़िलहाल देश में महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर बहुत तेज़ी से काम कर रही है. देश में महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की ज़रूरत को समझते हुए, केंद्र और राज्य सरकार उन्हें हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए भरसक प्रयास कर रही है. बदलाव भी देखने को मिल रहा है, और साथ ही देश महिला सशक्तिकरण के नए आयाम तय कर रहा है.
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ओडिशा बन रहा मिलेट्स का फोररनर
इस स्तंभ को मज़बूत करने के साथ सरकार देश के हर व्यक्ति की सेहत को सुधारने के लिए भी बदलाव की ओर अग्रसर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लीडरशिप में UN ने 2023 को मिलेट ईयर घोषित किया था. देश में मिलेट्स को लेकर जागरूकता फ़ैलाने के लिए भी सरकार तभी से तेज़ी से काम कर रही है. चाहे मंदिरों का महाप्रसाद हो, मिलेट्स के स्नैक्स हो या पुलिस और आर्मी की थाली में मिलेट शामिल करना हो, सरकार हर तरह से मोटे अनाज की ज़रूरत को हर व्यक्ति को समझाना चाहती है.
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स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बना रहीं मिलेट्स के उत्पाद
ओड़िशा में भी सरकार मिलेट्स की एक नयी पहचान बना चुकी है. स्वयं सहायता समूह (SHG) देश में बहुत तेज़ी से आगे बढ़ने वाली यूनिट्स के रूप में सामने आ रहे है. महिलाएं अपने Self Help Group में मिलेट्स से बने उत्पाद तैयार कर ओड़िशा को काफ़ी आगे लेकर आ चुकें है. ओड़िशा के SHGs ने मिलेट के प्रोडक्शन में अपने राज्य को भारत में काफ़ी आगे लाकर खड़ा कर दिया है.
इस साल की शुरुआत में, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भुवनेश्वर के खोरदा जिले में लोक सेवा भवन में एक मिलेट शक्ति कैफे का उद्घाटन किया. ऐसा ही एक कैफे भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में भी स्थापित किया गया. मिलेट को प्रोमोट करने वाले कैफे और भी कई जगह शुरू किए है ओड़िशा सरकार ने.
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OMM मॉडल बनाएगा मिलेट्स को हर थाली का हिस्सा
इन कैफे को स्थापित करना ओडिशा मिलेट्स मिशन (OMM) की पहल का एक हिस्सा है. इस पहल का उद्देश्य मिलेट्स-आधारित बिज़नेस में महिला SHG को शामिल कर स्थायी आजीविका बनाना और पोषण सुरक्षा में सुधार करना है. सेवा भवन में बाजरा शक्ति कैफे चलाने वाली महिला, मां मंगला की अध्यक्ष सरोजिनी राउल ने कहा, "हमारे स्नैक्स की काफी मांग है. आजकल लोग स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक हो रहे हैं. हमारे कैफे में, हर किसी के लिए कुछ न कुछ है, चाहे वह 5 साल का बच्चा हो या बुजुर्ग लोग.”
ओडिशा सरकार के कृषि और किसान अधिकारिता विभाग के प्रमुख सचिव डॉ अरबिंद कुमार पाधी ने कहा, "ओडिशा की महिलाएं SHG बनाने से लेकर मिलेट्स के उत्पाद तैयार करने तक प्रत्येक चरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. महिला स्वयं सहायता समूह बाजरा की अर्थव्यवस्था को बनाए रखने, जैव विविधता को संरक्षित करने और पारिस्थितिक सद्भाव बनाए रखने में मदद कर रहे हैं."
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आने वाले वर्षों में, ओडिशा सरकार की OMM मॉडल का विस्तार करने की योजना है, जिससे अधिक महिलाओं को वित्तीय रूप से स्वतंत्र होने का अवसर मिलेगा। यह विस्तार मोटे अनाज के पोषण संबंधी लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने में भी योगदान देगा और अधिक लोगों को अपने भोजन की थाली में बाजरा शामिल करने के लिए प्रेरित करेगा.