जब 10 साल की थी तब से घोड़े की सवारी करना पसंद था उसे. अपने पापा के साथ जब भी horse riding (Asian games horse riding) देखने जाती तब से ही लोगों को horse ride करता देख कर उसे बहुत अच्छा लगता था. उसके पापा ने बेटी के इस हुनर को पहचान लिया और समझ गए की मेरी बेटी इसी field में आगे बढ़ेगी और बहुत नाम कमाएगी. उन्होंने उसे professional training दिलवाना शुरू कर दिया और उसके सपनो को नए पंख दिए.
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41 साल बाद एशियाई गेम्स में जीता गोल्ड
सुदीप्ति हलेजा (Sudipti haleja) और उनकी टीम दिव्यकृति सिंह, हृदय विपुल छेड़ा, अनुश अग्रवाल, जो एशियाई गेम्स 2023 (Asian Games 2023) में horse riding में 41 साल बाद gold medal लाई. बचपन के अपने शौक को सुदीप्ति ने जब अपने profession में बदल दिया उसका परिवार तब ही समझ गया था कि यह लड़की एक दिन भारत का नाम रौशन ज़रूर करेगी. Equestrian dressage (Equestrian dressage team) की team जो भारत की तरफ से 19th Asian Games में गयी थी, उसमें सुदीप्ति हालेजा (Sudipti Haleja Indore) का बहुत बड़ा role रहा. 20 साल की उम्र में ही सुदीप्ति को Vikram Award मिल चुका है.
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Indore की है सुदीप्ति हलेजा
सुदीप्ति इंदौर में महालक्ष्मी नगर स्थित सन सिटी में रहती है. पिता मुकेश हजेला की एक आईटी कंपनी है. मां और बड़ी बहन विधि का स्कूल बुक्स के सिलेबस तैयार करने का बिजनेस है. डेली कॉलेज से सुदीप्ति की स्कूलिंग हुई है. पिछले कुछ सालों से अपनी घुड़सवारी की ट्रेनिंग के लिए सुदीप्ति फ्रांस में ही रह रही हैं. उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सहित देश-विदेश की कई हस्तियां सम्मानित कर चुकी है.
2019 जनवरी में नेशनल कॉम्पिटिशन के तीन-चार दिन पहले उनकी सीधे हाथ की उंगली टूट गई थी और doctors ने उन्हें खेलने से मना कर दिया था. लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी. 3 दिन तक हाथ में प्लास्टर नहीं लगवाया और अपने गेम को पूरा किया. इस जज़्बे के कारण ही वे आज भारत के लिए इस गेम में 41 साल बाद गोल्ड मैडल लेकर आई है.