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Image: Ravivar vichar
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हैंडलूम प्रोडक्ट्स बनाने वाले स्वयं सहायता समूहों को अक्सर ब्रांडिंग और मार्केटिंग से जुड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता हैं. हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के वन विभाग के अंतर्गत 'JICA' (Japan International Coopretion Agency) परियोजना से SHG की महिलाओं को उम्मीद मिली हैं. कुल्लू में 'जाइका परियोजना' के तहत शामिल किए गए 106 स्वयं सहायता समूहों (Self Help Group) की ब्रांडिंग जाइका (JICA) करेगा.
इस प्रोजेक्ट ने पड़ोसी देशों का ध्यान खींचना भी शुरू कर दिया हैं. श्रीलंका में भी JICA Forestry Project फॉलो की जाएगी. JICA जापान से आई प्रतिनिधि और जेंडर एक्सपर्ट नाकाजीमा ने जिला कांगड़ा में आयोजित कार्यशाला के दौरान बताया. उन्होंने स्वयं सहायता समूहों (self help group) की महिलाओं से बात कर कहा कि जल्द ही JICA श्रीलंका की टीम हिमाचल में एक्पोजर विजिट करेगी. साथ ही हिमाचल के SHGs को जापान में एक्सपोजर विजिट का ऑफर भी दिया.
मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि हिमाचल जाइका वानिकी परियोजना की गूंज जापान के साथ-साथ श्रीलंका तक जा पहुंची है. उन्होंने कहा कि हिमाचल के स्वयं सहायता समूह जो उल्लेखनीय काम करेंगे उन्हें जापान में एक्पोजर विजिट का मौका मिल सकता है.
नागेश कुमार गुलेरिया ने जापान के प्रतिनिधियों को बताया कि आने वाले समय में प्रदेश के सभी वन मंडलों में आउटलेट्स शुरू करने की भी योजना है. उन्होंने कहा कि जल्द ही एक आउटलैट धर्मशाला में भी खोला जाएगा. रैत में आयाजित कार्यशाला में शामिल स्वयं सहायता समूहों के कामों को नागेश कुमार गुलेरिया ने खूब सराहा.
Image Credits: divyahimachal.com
इस अवसर पर DFO धर्मशाला दिनेश शर्मा, अतिरिक्त परियोजा निदेशक जाइका डीके विज, रिटायर्ड वन सेवा अधिकारी बीके यादव, जीवन लाल टांक, प्रोग्राम मेनेजर मार्केटिंग विनोद शर्मा, प्रोग्राम मेनेजर GIS रजनीश कुमार, नेहा चक्रवर्ती समेत कई लोग शामिल हुए.
JICA Forestry Project के उत्पाद पालमपुर जा पहुंचे हैं. जापान से आई JICA जापान की प्रतिनिधि और जेंडर एक्सपर्ट नाकाजीमा और जापान इंडिया की प्रतिनिधि इनागाकी ने गोपालपुर में outlet का शुभारंभ किया. इस अवसर पर जाइका वानिकी परियोजना के मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया मौजूद रहे.
अब गोपालपुर चिड़ियाघर के एंट्री गेट पर शुरू इस मार्केटिंग आउटलैट्स पर JICA से जुड़े स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाये उत्पादों की बिक्री होगी. JICA Forestry Project का अपना ब्रांड हिमट्रेडिशन के तहत इस आउटलैट में ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स, हिमाचली टोपी, शॉल, आचार जैसे कई प्रोडक्ट्स की बिक्री होगी. नाकाजीमा और इनागाकी ने JICA के हिमट्रेडिशन ब्रांड की तारीफ की.
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जापान की जेंडर एक्पर्ट नाकाजीमा ने JICA वानिकी परियोजना से जुड़ी सभी महिलाओं को सशक्तिकरण का पाठ पढ़ाया. उन्होंने कहा कि हिमाचल जैसे छोटे राज्य में महिलाएं स्वयं सहायता समूह के ज़रिये अपनी आजीविका को मज़बूती दे सकती हैं. उन्होंने कहा कि ज़्यादा से ज़्यादा स्वयं सहायता समूह JICA वानिकी परियोजना से जुड़कर आर्थिक आज़ादी हासिल करने के साथ ज़हर मुक्त ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स बेच कर लोगों की सेहत का भी ख्याल रख सकती हैं.
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JICA वानिकी परियोजना ने शाहपुर रेंज के तहत दरिणी में ड्रोन के ज़रिये क्षेत्र में हो रहे कामों पर नज़र रखी. जाइका के PMU GIS रजनीश कुमार की निगरानी में ड्रोन में लगे कैमरे से करीब दो किलोमीटर के जंगलों तक पंहुचा गया. उन्होंने ड्रोन की मदद से मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया, जापान से आई प्रतिनिधियों समेत धर्मशाला वन मंडल के अधिकारियों को सूचित करवाया गया.
JICA के ज़रिये समूह की महिलाओं को अलग-अलग विभागों का साथ मिल रहा हैं, इससे वह अपनी पहुंच का विस्तार कर सकेंगी. ब्रांडिंग ओर मार्केटिंग समर्थन के ज़रिये महिलाएं आर्थिक सशक्तिकरण (financial empowerment of women) हासिल कर अपनी पहचान बना सकेंगी.