ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय उन्हें self help groups (rural women self help groups) में संगठित कर रहा है. महिलाओं को आर्थिक आज़ादी हासिल करने में मदद करने के उद्देश्य से पूरे देश में (दिल्ली और चंडीगढ़ को छोड़कर) दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) लागू किया जा रहा है.
2023 में 9.89 करोड़ महिलाएं 89.82 लाख SHGs में हुई संगठित
केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने लोकसभा में SHG मुहिम से जुड़ी अहम बातें साझा की. उन्होंने बताय कि मिशन ने 30 नवंबर, 2023 तक ग्रामीण परिवारों की 9.89 करोड़ महिलाओं को 89.82 लाख SHG में संगठित किया है.
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DAY-NRLM के तहत, SHG और उनके संघों को रिवॉल्विंग फंड (RF) और सामुदायिक निवेश फंड (CIF) के रूप में धन सहायता देकर सशक्त बनाया जाता है. रु. 7,36,724.17 लाख RF और रु. 30,47,553.32 लाख रुपये CIF SHG और उनके संघों को प्रदान किया जा चुके हैं. इसके अलावा, SHG को रियायती ब्याज दरों पर ऋण प्राप्त करने के लिए बैंक लिंकेज की भी सुविधा प्रदान की जाती है.
SVEP, AGEY, MKSP, RSETI जैसी पहलों से आजीविका शुरू करने में मिली मदद
2013-14 से अब तक 7.68 लाख करोड़ रुपये का बैंक ऋण वितरित किया गया है. SHG सदस्य विभिन्न आय सृजन गतिविधियों को शुरू करने के लिए ऋण ले रहे हैं. मिशन स्टार्ट-अप ग्राम उद्यमिता कार्यक्रम (SVEP), आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना (AGEY), महिला किसान सशक्तीकरण परियोजना (MKSP), दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना (DDUGKY), और ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (RSETI) जैसी पहलों के ज़रिये ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका गतिविधियों को शुरू करने में SHG सदस्यों की सहायता की जा रही हैं.
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2019 में इंटरनेशनल इनिशिएटिव फॉर इम्पैक्ट असेसमेंट (3ie) द्वारा किये गए थर्ड-पार्टी इवैल्यूएशन में यह पाया गया कि DAY-NRLM ने बचत में बढ़ोतरी, अनौपचारिक ऋणों की हिस्सेदारी में कमी, सामाजिक योजनाओं तक पहुंचने में आसानी, पारिवारिक आय में वृद्धि और महिलाओं की श्रम बल भागीदारी में सुधार लाने में योगदान दिया है.
आर्थिक परेशानियों को दूर करने में मिल रही DAY-NRLM की मदद
ग्रामीण क्षेत्रों में हाशिए पर रहने वाले समुदाय आर्थिक परेशानियों के साथ सामाजिक चुनौतियों का भी सामना करते हैं. ऐसी चुनौतियों को जड़ से ख़त्म करने के लिए मंत्रालय ने ज़मीनी स्तर पर कई पहले लागू की.
सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC-2011) द्वारा पहचाने गए कम से कम एक डेप्रिवेशन (deprivation) वाले ग्रामीण परिवार DAY-NRLM का लक्ष्य समूह बनाते हैं. इसके अलावा, Participatory Identification of the Poor (PIP) की प्रक्रिया के दौरान 'गरीब' के रूप में पहचाने गए परिवारों को भी DAY-NRLM लक्ष्य समूह मानता है.
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राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में सोशल मोबिलाइसेशन के दौरान participatory vulnerability assessment processes के ज़रिये DAY-NRLM के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विकलांग व्यक्तियों, बुजुर्गों, सबसे गरीब लोगों और समुदाय के अन्य कमजोर वर्गों को स्वयं सहायता समूह (self help group) में शामिल करने पर विशेष ध्यान दिया जाता है.
PVTGs को मिल रहे inclusion और विकास के अवसर
Provision of Vulnerability Reduction Fund (VRF) के तहत 1,50,000 प्रति ग्राम संगठन (वीओ) का प्रावधान किया गया है. यह व्यक्तियों या घरों या समुदायों द्वारा सामना की जाने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए ग्राम स्तर पर VO/प्राथमिक स्तर संघ को दिया गया एक कॉर्पस फंड है.
केरल, झारखंड और छत्तीसगढ़ के Particularly Vulnerable Tribal Groups (PVTGs) के इन्क्लूशन और विकास और उत्तर प्रदेश में वनटांगिया और बनवरिया समुदायों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए विशेष परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है.
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Ministry of Rural Development ने 577 जिलों में शुरू किए 591 RSETIs
कौशल विकास की दिशा में Ministry of Rural Development (MoRD) और राज्य सरकार के सक्रिय सहयोग से बैंकों द्वारा प्रबंधित जिला-स्तरीय ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थानों, RSETI की स्थापना की गई है. ये समर्पित संस्थान बेरोजगारी की समस्या को कम करने के लिए ग्रामीण युवाओं को ज़रूरी कौशल प्रशिक्षण देते हैं. जिले में अग्रणी बैंक RSETI के निर्माण और प्रबंधन की जिम्मेदारी लेता है. वर्तमान में, 577 जिलों में 591 RSETIs कार्य कर रहे हैं.
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मंत्रालय 15 से 35 वर्ष के आयु वर्ग के ग्रामीण गरीब युवाओं की कैपेसिटी बिल्डिंग के लिए प्लेसमेंट से जुड़ा कौशल विकास कार्यक्रम, दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (DDU-GKY) भी लागू कर रहा है. घरेलू और वैश्विक कौशल ज़रूरतों को पूरा करने के लिए यह कार्यक्रम सितंबर 2014 से लागू किया जा रहा है. DDU-GKY के तहत अब तक 15,59,438 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया जा चुका है.
Ministry of Rural Development (MoRD) द्वारा की गई इन सभी पहलों, ख़ासकर DAY NRLM, ग्रामीण गरीबों, विशेषकर महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. Ravivar Vichar का मानना है कि इसकी वजह से न सिर्फ महिला सशक्तिकरण (women empowerment) का लक्ष्य पूरा हो रहा हैं, बल्कि ग्रामीण आर्थिक-सामाजिक विकास भी लगातार नए आयाम हासिल कर रहा है.