कहते है महिलाओं से बेहतर घर को कोई नहीं चला सकता. चाहे अपने काम को मैनेज करना हो, घर के आर्थिक स्थिति को सुधारना हो, या घर के हर मेंबर को एक साथ बांध कर रखना, एक महिला ही है जो इन सब कामों को बिना परेशान हुए निभा सकती है. इसीलिए ये माना गया है कि महिलाएं जब आर्थिक, मानसिक और, सामाजिक रूप से आज़ाद होंगी तभी देश की उन्नति तय है. सरकार इस बात को अपनी प्रार्थमिकता बना चुकी है और उन्हें आगे बढ़ाने के विचार से बहुत सी नयी परियोजनाएं तैयार करती रहती है.
SHG महिलाएं संभालेंगी पेट्रोल पम्पस
कर्णाटक की सरकार ने भी हाल ही में इसी कड़ी में एक और कदम बनते हुए सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों के सहयोग से 'उद्यम शक्ति' योजना के तहत 100 स्थानों पर पेट्रोल पम्प खोलने की कार्रवाई करेगी. सरकार ने इन सारे पेट्रोल बंकरों का रखरखाव करने की ज़िम्मेदारी स्वयं सहायता समूह (SHG) को दी है.
अक्सर पेट्रोल पम्पस पर हमें ठगी का सामना करने मिला जाता है. पेट्रोल पंप पर काम करने वाले कर्मचारी अक्सर पैसे ले तो लेते है लेकिन, उतने का ईंधन नहीं डालते. इस तरह की और भी बहुत सी बातें हो जाती है इन पम्पस पर जिसके कारण विश्वास करना मुश्किल हो जाता है.
Self Help Group की महिलाएं अब इन कामों को संभालेंगी जिससे लोगों को विश्वास करना आसान हो जाएगा और ठगी के मामले भी बहुत काम हो जाएंगे. सिर्फ कर्नाटक ही नहीं बल्कि हर राज्य को इस बारे में सोचना चाहिए और SHG महिलाओं को पेट्रोल पम्पस के रखरखाव की ज़िम्मेदारी देनी चाहिए. इससे उन्हें रोजगार मिलेगा और वे अपने जीवन को बदल पाएंगी.