केरल का कुदुम्बश्री (Kudumbashree) दो दशकों से ज़्यादा समय से सशक्तिकरण और सामुदायिक परिवर्तन का प्रतीक बना हुआ है. केरल का ये महिला स्वयं सहायता समूह (self help group) वेस्ट कलेक्शन (waste collection) कर स्वच्छ भारत अभियान की सफलता में भी योगदान दे रहा है. कुदुम्बश्री की सेना, हरिथा कर्म सेना (The Haritha Karma Sena), राज्य भर में घरों और प्रतिष्ठानों से नॉन-बायोडिग्रेडेबल कचरे (non-biodegradable waste) को इकट्ठा करने का काम कर रही है. 'मलिन्य मुक्त केरलम' (Waste Free Kerala) परियोजना शुरू होने के बाद से ज़्यादातर लोकल सेल्फ गवर्नमेंट्स (LSG) ने रिकॉर्ड कवरेज हासिल किया है.
कुदुम्बश्री की हरिथा कर्म सेना के साथ वेस्ट कलेक्शन हुआ आसान
हरिथा कर्म सेना (The Haritha Karma Sena) में 33,378 सदस्यों के साथ, डोरस्टेप कलेक्शन ने 422 स्थानीय निकायों में 90-100%, 298 लोकल बॉडीज में 75-90% और सिर्फ 78 लोकल बॉडीज में 50% से कम कवर किया है. वेस्ट कलेक्शन, सेग्रिगेशन, डिस्पोजल और रीसाइक्लिंग (recycling) के साथ, कुदुम्बश्री के सदस्यों ने नॉन डिग्रेडेबल कचरे (non degradable waste) की बिक्री से अपनी कमाई बढ़ाई है.
सरकार ने शुरू किया केरल सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट
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परियोजना को अगले चरण में ले जाते हुए, लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) सरकार ने राज्य में ज़ीरो वेस्ट हासिल करने के लिए 2,400 करोड़ रुपये की लागत से केरल सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट (Kerela Solid Waste Management Project) शुरू किया है. राज्य में तेजी से हो रहे शहरीकरण के साथ ज़ीरो वेस्ट (Zero Waste) सुनिश्चित करने के लिए मटेरियल कलेक्शन फैसिलिटी का ब्लूप्रिंट भी तैयार किया गया है.
“अभियान की शुरुआत के बाद से, घर-घर जाकर वेस्ट कलेक्शन का कवरेज जुलाई में 48% से बढ़कर अब 78% हो गया है." LSGD मंत्री एमबी राजेश ने बताया, "हमने जल्द से जल्द 100% डोरस्टेप कलेक्शन हासिल करने की योजना बनाई है."
लोकल बॉडीज (local bodies) के हर वार्ड में हरिता कर्म सेना (Haritha Karma Sena) के दो सदस्य तैनात हैं, हर सदस्य को 250 घर/प्रतिष्ठान दिए गए हैं. सदस्य कचरा इकट्ठा करने के लिए बार-बार घरों का दौरा करेंगे और नॉन-डिग्रेडेबल कचरे को अलग करके वेस्ट कलेक्शन (garbage collection) फैसिलिटी और फिर हर पंचायत में रिसोर्स रिकवरी फैसिलिटी (Resource Recovery Facility) तक ले जाएंगे.
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में हर घर से 50 रुपये और 70 रुपये का संग्रह शुल्क लिया जाता है, जबकि हर प्रतिष्ठान 100 रुपये का शुल्क देता है. रिपोर्टों के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में सेना का हर सदस्य करीब 4,500 रुपये से 15,000 रुपये के बीच कमाता है, जबकि उनके शहर में रीसाइक्लिंग के लिए उत्पादों की बिक्री से 12,000 रुपये से 20,000 रुपये के बीच कमाई हो जाती है.
अलाप्पुझा (alappuzha) जिला 94.49% के साथ डोरस्टेप कलेक्शन (doorstep collection) कवरेज में सबसे आगे है, इसके बाद वायनाड (Wayanad) (88.46%) और तिरुवनंतपुरम (87.37%) (Thiruvananthapuram) हैं. हाल के महीनों में हरिता कर्म सेना के सदस्यों की संख्या 26,000 से बढ़कर 33,378 हो गई है, जिससे वेस्ट कलेक्शन (waste collection) के विस्तार में आसानी हुई है.
बुनियादी ढांचे में सुधार के साथ होगी दूसरे चरण की शुरुआत
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स्थानीय स्तर पर वेस्ट मैनेजमेंट (waste management in Kerela) के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित करने के लक्ष्य से, सरकार ने KSWMP लॉन्च किया. यह परियोजना विश्व बैंक (World Bank) और एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (AIIB) की वित्तीय सहायता (financial assistance) से लागू की जा रही है.
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन (Chief Minister Pinarayi Vijayan) ने 6 निगमों और 87 नगर निगमों सहित 93 शहरी लोकल बॉडीज में बुनियादी ढांचा बनाने के लिए कोच्चि में परियोजना का उद्घाटन किया. परियोजना के ज़रिये कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन वेस्ट (construction and demolition waste)और ई-कचरे (E-Waste) के निपटान की चुनौतियों का समाधान किया जाएगा.
2035 में राज्य के 90% शहरीकरण (urbanisation) तक पहुंचने की उम्मीद के साथ, इस परियोजना से अपशिष्ट प्रबंधन (waste management) समस्या का समाधान होने की उम्मीद है.
शहरीकरण की बढ़ती गति के साथ वेस्ट मैनेजमेंट की ये पहल स्वच्छ भविष्य की दिशा में अहम कदम साबित होगा.