शाजापुर (Shajapur), मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में स्थित सरस्वती विद्या मंदिर (Saraswati Vidya Mandir, Shajapur) पर संवर्धिनी मातृशक्ति सम्मेलन (Samvardhini Matrishakti Sammelan) का आयोजन विवेकानंद स्मृति सेवा न्यास (Vivekananda Memorial Service Trust) द्वारा किया गया. सम्मेलन में जिले के अलग-अलग गांवों की लगभग 2,300 महिलाओं और युवतियों ने भाग लिया.
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समागम के लिए पंजीयन शुल्क सौ रुपए रखा गया था, जिसमें हर वर्ग की महिलाएं शामिल हुईं. समागम के दौरान, SHG महिलाओं ने भारतीय संस्कृति की महत्वपूर्ण भूमिका पर विचार कर बताया कि भारतीय पारिवारिक जीवन शैली ही हमारी समृद्धि की कुंजी है.
रानी लक्ष्मीबाई और अहिल्याबाई को किया याद
समागम के तीन सत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वावलंबन, सामाजिक कुरीतियों और अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई. प्रमुख वक्ता श्रीमती अमृता भावसार ने समाज में महिलाओं की भूमिका और रानी लक्ष्मीबाई (Rani Laxmibai) और अहिल्याबाई (Ahilyabai) जैसी महान महिलाओं के उदाहरणों की महत्वपूर्ण भूमिका याद कर विचार व्यक्त किये.
परिसर में दवाइयों और उत्पादों के लगाए गए स्टॉल
साथ ही, समागम के परिसर में गौ सेवा उत्पाद द्वारा विभिन्न प्रकार की दवाइयों और उत्पादों के स्टॉल लगाए गए थे. सेवा भारती समिति द्वारा बनाये गए मिट्टी के गणेशजी की प्रतिमा (clay idol ganesha) और हस्तनिर्मित सौंदर्य सामग्री भी प्रदर्शित की गई.
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आजीविका मिशन (Livelihood Mission) के अंतर्गत बने सेल्फ हेल्प ग्रुप्स की महिलाओं (Women self help groups) ने भी अपने हैंडमेड प्रोडक्ट्स का (SHG Women Handmade Products) स्टॉल लगाया.
इस मौके पर, द नोबल हॉस्पिटल (The Noble Hospital), ने यहां आई self help groups की महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया. इस समागम ने महिलाओं के बीच सामाजिक जागरूकता और उनकी सांस्कृतिक और आर्थिक सुरक्षा के प्रति जागरूकता को बढ़ावा दिया.