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Image Credits: Awareness box
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देश की आज़ादी का दिन जब भी कोई याद करता है तो उसके दिमाग में एक इमेज तैयार होती है, जो क्रांति से जुड़ी होती है. आज भी देश के हर व्यक्ति के लिए आज़ादी की लड़ाई की यादें ताज़ा है. वो समय अलग था पर क्रांति में हर व्यक्ति आज़ादी मांग रहा था. उस समय के बाद भारत में बहुत बदलाव आए लेकिन अपनी मांग को पूरा करने के लिए क्रांति करना बंद नहीं हुआ.
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अभी भी देश में एक क्रांति छिड़ी हुई है, महिला सशक्तिकरण और उन्हें स्वावलंबी बनाने की. देश की सरकार हर महिला को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासों और परियोंजनाओं में कोई कमी नहीं छोड़ रही. स्वतंत्रता दिवस 2023 को प्रधानमंत्री ने इसी पहल में एक और मज़बूत कदम आगे बढ़ाया.
15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपनी "ड्रोन की बात" में घोषणा की कि सरकार जल्द ही एक कार्यक्रम शुरू करेगी जिसके माध्यम से लगभग 15,000 स्वयं सहायता समूहों (SHGs) की महिलाओं को ड्रोन उड़ाने और मरम्मत करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. भारत में निवेश के लिहाज से ड्रोन का रखरखाव और मरम्मत लगभग 50 मिलियन डॉलर का बिज़नेस बन चूका है.
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महिला शक्ति को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री की इस कोशिश से कृषि में ड्रोन के उपयोग को बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के प्रयास को आगे बढ़ाया जाएगा. इस पहल के सफल implementation से निश्चित रूप से महिलाओं को घरेलू कार्यों तक सीमित रखने की सदियों पुरानी प्रथा का अंत हो जाएगा.
Self help group की महिलाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करा जाएगा ताकि वे किसी पर निर्भर हुए बिना अपना भाग्य स्वयं तय कर सकें. महिलाओं के बेहतरीन कामों के कई उदहारण हमारे सामने है जब SHGs अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रदर्शन कर रहे हैं. यदि अवसर प्रदान किए जाएं तो महिलाएं कई क्षेत्रों में पुरुषों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैं. हमारा प्रयास होना चाहिए कि राष्ट्र हित के लिए हर महिला को विकास में बराबर का भागीदार बनाया जाए. तभी देश की तर्रकी निश्चित है.