Balaghat जिले में self help group की महिलाओं ने नमामि गंगे अभियान को सार्थक कर दिया. जिले के हर ब्लॉक में SHG की सदस्य इन महिलाओं ने सार्वजनिक स्थानों प्याऊ लगाए.इनकी देखरेख खुद ये सदस्य कर रहीं. बालाघाट जिले में कई समूह लगातार जुड़ रहे.
SHG की 150 महिलाओं ने संभाली प्याऊ
बालाघाट जिले में Village Organization सामाजिक कामों के लिए सक्रिय हो गया.स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अपनी आजीविका के अलग यह काम कर रहीं.
जिले के इसी ब्लॉक के चांगोटोला गांव के ekta mahila village organization से जुड़ा सदगुरु समूह की अनीता पाथरे कहती हैं-"जैसे ही हमें यह प्रस्ताव आजीविका मिशन ने बताया,हमने प्याऊ शुरू की.सामान्य दिनों में मैं सिलाई का काम करती हूं.मुझे ख़ुशी है कि गांव के लोगों को इस प्याऊ का लाभ मिल रहा."
ग्राम संगठन से जुड़ी महिलाएं अपने प्याऊ सेंटर के पास (Image: Ravivar Vichar)
जिले में अलग-अलग गांव में बैंक और अस्पताल के साथ हाट बाजार के आपस ये प्याऊ लगाए गए.
बालाघाट ब्लॉक के ही नारी शक्ति village organization की तुलसी समूह अंतर्गत चिंतन बाई कैलासे ने भी प्याऊ लगाई.खाली समय में ये हाट बाज़ार में चाय-नाश्ता की दुकान भी चलाती है.
जिले में कई बनाए समूह और अब प्याऊ की सेवाएं
बालाघाट में कबीरा ग्राम संगठन की सरस्वती समूह की दिलेश्वरी सहारे को Ajeevika Mission ने CRP बनाया.दिलेश्वरी ने कई समूह बना कर महिलाओं को जोड़ा.
दिलेश्वरी सहारे बताती है-"ग्राम संगठन के माध्यम से हमने यह प्याऊ लगाई. समूह के दूसरे साथी भी उत्साहित हैं. हम सभी समय से प्याऊ पर पहुंचते हैं.जन सामान्य की सेवा कर रहे जो गर्मीं में बहार निकल रहे."
नए प्याऊ सेंटर के खुलने पर समूह की सदस्य (Image: Ravivar Vichar)
बालघाट आजीविका मिशन की Block Manager Swati Bisen कहती हैं-"जिले में नमामि गंगे अभियान को लेकर हमने यह प्याऊ संचालन का काम ग्राम संगठन से जुड़े स्वयं सहायता समूह को दिया.ठंडे पानी के लिए मटके उपलब्ध करवाए.सभी सार्वजनिक जगहों पर यह सुविधा दी."
Ajeevika Mission के incharge DPM Virendra Tidake का कहना है-"प्रदेश के हमारे जिले में यह प्रयोग सफल रहा.भीषण गर्मी में परंपरागत प्याऊ का उपयोग लोग कर रहे."
बड़ी संख्या में लोग इन प्याऊ का उपयोग कर रहे.आने वाले दिनों में 50 से ज्यादा CLF और जुड़ सकते हैं.