Vocal For Local से प्रेरित सरस आजीविका 2.0

Jammu & Kashmir Rural Livelihoods Mission (JKRLM) ने  ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग के साथ मिलकर SARAS Aajeevika आयोजित किया है.ऐसे आयोजन महिला SHGs की हिम्मत और साहस बढ़ाने में चार- चांद लगा देते हैं.

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भूमिका जैन
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Vocal For Local से प्रेरित सरस आजीविका 2 .0

Image: Ravivar Vichar

Vocal for Local आज देश का एक सबसे महत्वपूर्ण mission बन गया है. अपने ही देश में बनी वस्तुओं की selling और उपयोग करके हम अपने देश की economy को ऊचाईओं पर ले जा रहे हैं. 

इसी को दखते हुए आज महिला Self Help Groups अपनी अपनी field की वस्तुएं बनाकर बेच रहीं और सरकार भी National Rural Livelihood Mission (NRLM) के तहत उनकी हर प्रकार से मदद कर रही है. 

इसी को दखते हुए-

Jammu&Kashmir Rural Livelihoods Mission (JKRLM) ने ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग के साथ मिलकर SARAS Aajeevika आयोजित किया है.

यह दस दिनों का उत्सव कला, शिल्प, संस्कृति, और भोजन का एक महोत्सव है.  पूरे भारत का Art and Craft  प्रदर्शित करने वाले इस आयोजन का उद्देश्य  DAY-NRLM के ग्रामीण  महिला SHG की कलाकारों को उनकी अनूठी प्रतिभाओं और products  को showcase  करने के लिए एक मंच प्रदान करना है.

SARAS AAJEEVIKA 2.0 मेले में आने वाले दर्शकों को सुंदर बुना हुआ handmade और handskilled  उत्पादों की विविध श्रृंखला की अपेक्षा की जा सकती है, जिसमें textile weaving, मिट्टी के बर्तन, लकड़ी का काम, धातु का काम, paintings, और अधिक शामिल है. मेला पारंपरिक संगीत और नृत्य प्रस्तुत करेगा, जो वातावरण को जीवंत बनाए रखने में मदद करेगा और जम्मू और कश्मीर की सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाएगा. 

सरस आजीविका 2 .0

Image Credit: Travel See Write

इसके अलावा Saras Aajeevika jammu ,बहुत ही अनोखे कल्चरल programmes और activities का आयोजन कर रहीं हैं जिससे मेले आने वाले मेहमानों को sustainable products जैसे paper bags , paper packaging , plastic का उपयोग काम करना, जैसी बातों का गायन दिया जायगा. 

वहां Waste management systems का use किया जायगा जिससे वहां साफ सफाई बानी रहे. 

इंदु कंवल चिब -Director JKRLM ने बताया -

''SARAS Aajeevika ग्रामीण महिलाओं को उनके उत्पादों को प्रदर्शित करने और उन्हें अपने उत्पादों को सीधे ग्राहकों को बेचने के लिए एक बाजार बनाने का मंच प्रदान करता है. यह उन्हें ग्राहक की पसंद और विकल्प को समझने का अवसर देता है, उनके उत्पादों को सुधारने और पुनर्जीवित करने की क्षमता को बढ़ाता है, और उनकी विपणन क्षमताओं को मजबूत करता है.

मेले में हस्तशिल्प, हस्तबुनाई, और विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों के प्राकृतिक खाद्य उत्पाद होते हैं. इस आयोजन को केवल ग्रामीण महिलाओं द्वारा प्रबंधित किया जाता है, और सभी प्रदर्शित वस्त्र उन्हीं द्वारा बनाए गए होते हैं और केवल उन्हीं द्वारा ही बिकते हैं. स्थान पर पेयजल, शौचालय, सुरक्षा, और चिकित्सा सेवाओं सहित आवश्यक सुविधाओं से सम्पन्न है. सख्त अग्निरक्षा प्रोटोकॉल को लागू किया गया है, और प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों के साथ-साथ 24x7 एम्बुलेंस सेवाएं तत्परता से उपलब्ध होंगी, उन्होंने यह बनाए रखने की व्यवस्था की.''

मेले में एंट्री लेने समय subh 10 बजे से लेकर शाम में 8 भजे तक है, yaha 60 stalls है जिसमे SHG की महिलाएं अपने अपने products प्रस्तुत करेंगी और उनकी marketing skills को और बढ़ाने के लिए एक workshop का भी आयोजन किया गया हैं.

ऐसे आयोजन महिला SHGs की हिम्मत और साहस बढ़ाने में चार- चांद लगा देते हैं.

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