"दीप मेला" ला रहा हर घर रौशनी

उत्तरप्रदेश के प्रयागराज के मऊआइमा के स्वयं सहायता समूहों के तहत काम करने वाली सैकड़ों महिलाएं, फूलपुर, प्रतापपुर और भगवतपुर के विभिन्न गांवों की अपनी साथियों के साथ यहां आयोजित चार दिवसीय 'दीप मेला' में विभिन्न वस्तुओं का प्रदर्शन करेंगी.

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रिसिका जोशी
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दिवाली या दीपों का त्यौहार, हसी ख़ुशी और उमंग से भरा, हर व्यक्ति अपनी परेशानियां भूलकर ख़ुशी मनाता है और नए साल के आने की उमंग में आगे बढ़ने के बारे में  सोचता है. ये है ही ऐसा त्यौहार हर व्यक्ति खुशमिज़ाज हो जाता है. महिलाओं में भी जोश और उमंग होती है अपने परिवार को खुश देखने की.

दिवाली 2023 में SHG महिलाएं दीप मेला में दिखाएंगी अपने तैयार किए उत्पाद

इसी बात का ख्याल रखते हुए उत्तरप्रदेश के प्रयागराज के मऊआइमा के स्वयं सहायता समूहों (self help groups) के तहत काम करने वाली सैकड़ों महिलाएं, फूलपुर, प्रतापपुर और भगवतपुर के विभिन्न गांवों की अपनी साथियों के साथ यहां आयोजित चार दिवसीय 'दीप मेला' में विभिन्न वस्तुओं का प्रदर्शन करेंगी. संगम नगरी की हिंदुस्तानी अकादमी 8 नवंबर को दिवाली (Diwali 2023) से पहले लगने वाले मेले में self help groups की महिलाओं (Self help groups products) के साथ ही जिले के इन ब्लॉकों के किसान उत्पादक संगठन अपने उत्पादों का प्रदर्शन करेंगे.

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diwali 2023

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यह मेला, जो एक गैर सरकारी संगठन, ई-पहल और राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) द्वारा प्रायोजित किया जाएगा, जो कि 11 नवंबर को समाप्त होगा. ई-पहल एक NGO है जो विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र में गरीबों के लिए आजीविका सृजन पर काम करता है.

महिला SHGs के उत्पादों को दिवाली पर मिलेगा बाज़ार

एनजीओ के समन्वयक डॉ. गोपाल कृष्ण के अनुसार मेले का उद्देश्य आजीविका सृजन, आत्मनिर्भरता, वित्तीय समावेशन के लिए एक मंच प्रदान करना, Women SHGs और किसान उत्पादक संगठनों को मजबूत और सशक्त बनाना है.

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Gobar Diya

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डॉ. गोपाल कृष्ण बताते है- "उत्पादों में जैविक अनाज, काला चावल, काला आटा, दालें, मिश्रित आटा, बाजरा (श्री अन्ना) उत्पाद और मसाले, रसायन मुक्त चावल, देसी घी, सरसों और तिल का तेल, पापड़, नमकीन, हल्दी, अलसी, मुरब्बा और अचार शामिल हैं." उन्होंने कहा कि- "हस्तशिल्प के सजावटी सामान जैसे गाय के गोबर से बने दीपक, गणेश और लक्ष्मी की मूर्तियां, मोमबत्तियां, पत्थर से बने सजावटी सामान और कई अन्य उत्पाद भी अगले चार दिनों तक उपलब्ध रहेंगे."

इस मेले में किसानों द्वारा तैयार किए गए कई बाजरा उत्पादों की लॉन्चिंग भी प्रस्तावित है. मेले का एक और आकर्षण यह है कि कई कारीगर आयोजन स्थल पर ही अपने उत्पाद जैसे दीया आदि बनाएंगे. यह मेला इन कारीगर महिलाओं को समर्पित है और ग्रामीण गरीबों को सशक्त बनाने का प्रयास करता है. दिवाली के शुभ अवसर पर इतना खर्चा करते है हम सब. तो क्यों ना हर उस व्यक्ति को ख़ुशी से भरी दिलवाली मानाने का मौका दिया जाए जो मेहनत कर आगे बढ़ना चाहता है.

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