पंचायतें निभाएंगी ख़ास भूमिका
शहडोल (Shahdol) जिले में स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) के लिए आजीविका के लिए नए रास्ते खोले जा रहे. यहां पोषण युक्त सब्जियों की खेती का जिम्मा समूह की महिलाओं को मिलेगा. इस काम में गांव की पंचायतें ख़ास भूमिका निभाएगी. इस योजना में जलवायु के अनुसार फल-सब्जी उत्पादन के लिए पोषण वाटिका तैयार कराई जाएंगी। आजीविका मिशन, कृषि विभाग, उद्यानिकी व मनरेगा मदद करेंगे. पंचायतें इस वाटिका के लिए पड़त ज़मीन से एक-एक हैक्टेयर ज़मीन वाटिका तैयार करने के लिए देगी. जिले में कुल 25 सामुदायिक पोषण वाटिका तैयार करने का प्रस्ताव तैयार किया गया. जिले के जिला परियोजना प्रबंधक (DPM) विष्णुकांत विश्कर्मा ने बताया- "जिले के भानपुर में सामुदायिक पोषण वाटिका का संचालन करवाया गया. यह बहुत सफल रहा. इसमें समूह की महिलाएं उत्साह से काम कर रहीं."
भानपुर पंचायत में लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष सुषमा सिंह और सचिव अमृता सिंह बताती हैं- "पोषण वाटिका में हम सभी ने बहुत मेहनत की. कई तरह की सब्जियां उगाई. हमारी कमाई बढ़ गई."
शहडोल जिले भानपुर में पोषण वाटिका में काम करती हुईं महिलाएं (Image Credits: Ravivar Vichar)
भूमिहीनों महिलाओं को मिलेगी वाटिका
इस योजना में खास बात समूह की भूमिहीन महिलाओं को इन वाटिका दी जाएगी. यदि समूह में ऐसी महिलाएं नहीं हैं तो नए सिरे से समूह बनवाएंगे,जिसमें कमजोर और भूमिहीन महिलाओं को शामिल करेंगे. रखरखाव के पांच साल बाद यह वाटिका स्वयं सहायता समूह को दी जाएगी. समूह (SHG) की महिलाएं सब्जियां-फल बेच सकेंगी. 20 प्रतिशत कमाई समूह के खाते में तो 80 प्रतिशत पैसा समूह की महिलाओं को मिलेगा. खेती में सिचाईं के लिए नलकूप, ट्यूटवेल, पंप सेट 15वें वित्त, विधायक, सांसद, जनपद निधि से व्यवस्था की जाएगी।
इस योजना को लेकर आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) के जिला परियोजना प्रबंधक (DPM) विष्णुकांत विश्कर्मा बताते है- "यह बहुत बड़ी योजना है. इसमें सेहत के साथ आर्थिक आत्मनिर्भर भी महिलाएं बन सकेंगी. प्रस्ताव भेजा चुका है. जल्दी ही प्रस्ताव मंजूर होने की आशा है."