UP के Banaras जिले के चिरईगांव ब्लॉक में सिवो गांव की रहने वाली रेखा मौर्य आज Self Help Group की महिलाओं के लिए मिसाल बनी हुई है. खुद अपने दम पर कई तरह के कारोबार में जुड़ी. ज़िंदगी को प्रॉफिट में ले आई.
पति की मेहनत देख खुद ने भी शुरू किया कारोबार
Banaras जिले के सिवो गांव की रेखा मौर्य के पति एक प्रायवेट स्कूल में टीचर थे. घर में दो बच्चे और परिवार सदस्यों के लिए आर्थिक दिक्कत का सामना करना पड़ता.
आम का अचार का ऑर्डर मिलने पर समूह सदस्य काम में जुटीं (Image:Ravivar Vichar)
रेखा बताती है-"मैंने खुद ग्रेज्युएट किया.जॉब की जगह मैंने Ajeevika Mission की मदद से 12 महिलाओं के साथ उन्नति SHG बनाया. अचार,मुरब्बा बनाने का काम छोटे स्तर पर शुरू किया. समूह से CCL से 50 हजार रुपए का लोन लिया. मैंने ड्रम ख़रीदे. सभी तरह के अचार जैसे आम,मिर्च,लहसुन और कटहल जैसे बनाए. मुरब्बा भी आंवला सहित कई तरह से बनाया. मुझे ख़ुशी है कि हर महीने 10 से 12 हजार रुपए कमा लेती हूं"
सीज़न में SHG महिलाओं को देती रोजगार
रेखा मौर्य का कारोबार दो साल में अच्छे से चलने लगा. रेखा आगे बताती है-"सीज़न के फल जैसे जामुन,आंवला और सब्जियों में गाजर,गोभी सहित मटर को प्रिज़र्व भी करते. जिससे ग्राहकों को पूरे साल फ़ूड आइटम दे सकें.सीज़न में मैं 10 से ज्यादा दूसरी महिलाओं को रोजगार देती हूं."
रेखा मौर्य अपने प्रोडक्ट्स बनाते हुए (Image:Ravivar Vichar)
इन दिनों रेखा बनारस जिले कई NGO के साथ मिलकर 100 से ज्यादा दूसरी महिलाओं को अचार-मुरब्बा बनाने की ट्रेनिंग दे चुकी.
Banaras District Mission Manager (DMM) Pradeep Kesarwani कहते हैं-"उन्नति समूह की रेखा मौर्य ने दो साल में खुद को मेहनत के साथ साबित किया. समय पर सभी लोन चुकाए.जिले में उनके प्रोडक्ट्स को बहुत पसंद किया जा रहा.जिले में समूह की महिलाओं को मार्केटिंग के लिए promote किया जा रहा."