एग्रो-टूरिस्म को बढ़ाना देने के लिए ग्रीन वर्ल्ड फाउंडेशन (Green World Foundation) 2017 से काम कर रहा है. रविवार विचार (Ravivar vichar) से बात-चीत के दौरान सीमा सैनी ने बताया कि वह GWF के ज़रिये करीब 10 हज़ार किसानों के साथ जुड़कर उन्हें लो कॉस्ट एग्रो-टूरिज़्म (Agro-tourism) और लो- कॉस्ट IFS (Integrated Farming system) से जुड़ी ट्रेनिंग दे चुकी हैं.
SHG महिलाओं को मार्केटिंग में मिली छात्रों की मदद
एग्रो-टूरिज़्म की सफलता को बढ़ावा देने के लिए सीमा सैनी (Seema Saini) की ग्रीन वर्ल्ड फाउंडेशन ने कदम बढ़ाया और स्थानीय लोगों को भी अपने प्रोजेक्ट्स का हिस्सा बनाया. GWF ने 21 दिवसीय इंडस्ट्री अटैचमेंट प्रोग्राम (Industry Attachment Program) के लिए कॉलेज के छात्रों का स्वागत किया है. इस ट्रेनिंग में छात्र वॉलन्टीयर और ट्रेनर बन ज़मीनी अनुभव लेंगे.
युवा छात्र महिलाओं के नेत्तृत्व में चल रहे स्वयं सहायता समूहों (SHG) के साथ लगातार सहयोग कर रहे हैं. ये SHGs बाजारों, दुकानों और मेडिकल स्टोरों सहित कई जगहों पर घर-घर जाकर मार्केटिंग गतिविधियों का संचालन कर रही हैं. इन छात्रों का प्राथमिक मिशन स्वयं सहायता समूहों (self help group) से जुड़ी महिलाओं को उनके 'बाजरा रसोई' उत्पादों को बढ़ावा देने और बेचने में सहायता करना है (youth supporting self help groups).
रानोली, बैध की ढाणी और सीकर में छात्रों ने चलाया जागरूकता अभियान
इस प्रयास की वजह से कारगर और सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं. विद्यार्थियों ने रानोली, बैध की ढाणी और सीकर में प्रभावी जागरूकता अभियान चलाया. इसकी वजह से अब ज़्यादा से ज़्यादा लोग SHG, उनके बनाये उत्पादों और उनके व्यवसायों के बारे में जान रहे हैं. SHGs के प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली.
युवाओं को मार्केटिंग ट्रेंड्स और ग्राहकों की ज़रुरत की समझ है, जिसे महिला उद्यमियों के साथ साझा कर उनकी सफलता में योगदान दिया जा रहा है. यह एक उत्साहजनक पहल है जो व्यवसाय में महिलाओं के लिए सहयोग और समर्थन की शक्ति को प्रदर्शित करती है.
सीमा सैनी ने रविवार विचार को बताया, "युवाओं को SHG महिलाओं के साथ जोड़ने से छात्रों को ज़मीनी अनुभव मिलेगा और महिलाओं की पहुंच बढ़ेगी, जिससे उनके प्रोडक्ट्स की बिक्री में बढ़ोतरी हो सकेगी. यह साझेदारी युवाओं और महिलाओं, दोनों के लिए कारगर साबित होगी."
हैप्पी मिल्क फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी को मार्गदर्शन और ट्रेनिंग दे रहे कॉलेज छात्र
छात्रों की एक टीम बाजरा उत्पादों की मार्केटिंग के लिए SHG महिलाओं के साथ सक्रिय रूप से सहयोग कर रही है, प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए उनके साथ मिलकर काम कर रही है. वे इन उत्पादों के लिए मार्केटिंग रणनीतियों को समझने और बढ़ाने के लिए समर्पित है.
इसके साथ ही, एक दूसरी टीम फ़तेहपुर, सीकर में 'हैप्पी मिल्क फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी' नाम के किसान उत्पादक संगठन (FPO) को ज़रूरी मार्गदर्शन और ट्रेनिंग प्रदान कर रही है. उनका लक्ष्य FPO सदस्यों को ज़्यादा संख्या में किसानों से जुड़ने के प्रभावी तरीकों के बारे में शिक्षित करना है. इसे हासिल करने के लिए, वे अलग-अलग गांवों और जगहों में अभियान चला रहे हैं और किसानों के साथ ज़रूरी जानकारी साझा कर रहे हैं.
युवाओं को ग्रामीण महिलाओं और किसानों से जोड़, न सिर्फ दोनों के बीच की दूरी कम होगी, बल्कि एक दूसरे की एक्सपर्टीज और साझा ज्ञान से ग्रामीण विकास का रास्ता आसान हो सकेगा.