एनएसआरसीईएल (NSRCEL), IIM Bangalore (IIM-B) की ऊष्मायन शाखा और कर्नाटक स्टेट रूरल लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (KSRLPS) कर्नाटक की ग्रामीण महिलाओं (rural women) को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के लिए साझेदारी की है. महिला स्वामित्व वाले गैर-कृषि व्यवसायों का समर्थन कर उन्हें Swavalambane programme द्वारा आगे बढ़ाया जायेगा.
स्वावलंबन प्रोग्राम का लक्ष्य कर्नाटक के टियर II और III शहरों में मौजूद महिला द्वारा निर्देशित छोटे व्यवसायों को बाजारों के साथ जुड़ने का अवसर देना, वित्तीय साक्षरता देना, स्थानीय रोजगार उत्पन्न कर उन्हें अपने व्यवसायों में सफल, और सांवर्णनीय उद्यमों में परिवर्तित कर मदद करना है. इससे राजस्व वृद्धि भी होगी. व्यापार के राजस्व को 15% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है.
NRLM और World Bank से मिला सपोर्ट
नेशनल रूरल इकनोमिक ट्रांसफॉर्मेशन प्रोजेक्ट (NRETP) के तहत नेशनल रूरल लाइवलीहुड मिशन के अंतर्गत स्वावलंबन प्रोग्राम को सपोर्ट और वर्ल्ड बैंक द्वारा फंड दिया गया है. जिसका उद्देश्य रेप्लिकेबल बिज़नेस मॉडल को डेवेलप करना है, जिसे देश का हर राज्य आसानी से अपना सके.
NSRCEL at IIM बैंगलोर के CEO आनंद श्री गणेश बताते है कि "कर्नाटक की उद्यमिता प्रस्तावना अपने टेक लेड इनोवेशन और ग्रासरुट उद्यमिता के लिए जानी जाती है. महिलाओं द्वारा बनाए जाने वाले कपड़े, खिलौने, आभूषण और खाद्य उत्पादों जैसे क्षेत्रों को वैश्विक मान्यता मिली है.
150 ग्रामीण महिला उद्यमियों को मिला सॉफ्ट लोन
कुल चालिश हज़ार आवेदनों में सोलह हज़ार लोगों की ही क्राइटेरिया पूरी पाई गई है. केवल 150 ग्रामीण महिला उद्यमियों (rural women entrepreneurs) को ही IIM-B और KSRLPS से सॉफ्ट लोन और अनुदान मिलेगा.
इसके अलावा, और प्रतिभागियों को डिजिटल मार्केटिंग और ब्रांडिंग में मार्गदर्शन दिया जायेगा जिससे वह व्यापार की वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण स्किल्स सिख पाएंगे. पहले साल के बाद भी, KSRLPS एंगल तीन साल तक उन्हें मार्गदर्शित कर समर्थन देगा.
संजीवनी–कसरलपस के मिशन निदेशक रागप्रिया आर ने बताया कि "संजीवनी KSRLPS ने महिलाओं को स्वयं सहायता समूह (women self help groups) में मोबाइलाइज करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. हम महिला स्वयं सहायता समूह उद्यमियों में परिवर्तित कर, घरेलू बाजार और उत्पादों की बेचने के लिए अवसरों और मंच दिए है."