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Uttar Pradesh के Barabanki जिले के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को Beekeeping in UP के लिए training दी गई. इस काम में आयुर्वेदिक डाबर कंपनी ने भी सहयोग किया.
Barabanki के बिशनपुर और चैनपुरवा गांव की स्वयं सहायता समूह की महिलाएं मधुमक्खी पालन कर आत्मनिर्भर बन रही .जिले में Self Help Group की महिलाओं को ट्रेनिंग देकर मधुमक्खी पालन के लिए बॉक्स भी दिए गए. इस जिले में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए डाबर कंपनी ने सहयोग दिया. Dabur Company के बायो रिसोर्स डिविजन के अध्यक्ष डॉ पंकज प्रसाद रतूड़ी ने कहा- "देश मे मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए डाबर प्रयास कर रहा है. डाबर की तरफ से SHG की महिलाओं कॉम ट्रेनिंग दी जा रही. महिलाओं का Honey Production में रुझान बढ़ाने के लिए Boxes भी दिए गए."
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इस ट्रेनिंग के आयोजक निमित्त सिंह मधुमक्खी वाला ने बताया - "मधुमक्खी पालन से महिलाएं आत्मनिर्भर हो सकीं. यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है."
training ले चुकीं बिशनपुर और चैनपुरवा गांव की SHG महिलाओं ने बताया -"ट्रेनिंग में हमें मधुमक्खी पालन के फायदे और कैसे इसकी मार्केटिंग होती है. यह सिखाया. हामरी आर्थिक स्थिति अच्छी होगी तो हम और अच्छे से परिवार को चला सकेंगे."
Barabanki के District Mission Manager (DMM) अखिलेश यादव ने बताया- "उत्तर प्रदेश में बाराबंकी की पहचान शहद उत्पादन और beekeeping के होने लगी है. कई स्वयं सहायता समूह की महिलाएं मधुमक्खी पालन कर रहीं है. Dabur से Ajeevika Mission के लिए अनुबंध होने से SHG की महिलाओं को फायदा होगा."
खेतों के परिसर में लगे मधुमक्खी पालन के लिए बॉक्स (Image: Ravivar Vichar)
कृषि उत्पादन के मनोज कुमार सिंह ने कहा- "देश के किसान धान,गेंहू उत्पादन के साथ-साथ मधुमक्खी का भी पालन करें. जिस इलाके में मधुमक्खी का पालन किया जाता है, उस इलाके में फसल की पैदावार बढ़ जाती है. जिससे किसानों को दोहरा लाभ होता है."