अपनी ज़िंदगियों को बदलने ओर उसे खुशहाल बनाने का पूरा फैसला कर चुकी है आज की महिलाएं. साथ ही देश की सरकार भी उन्हें आगे बढ़ाने के लिए हर संभव मदद कर रही है. इसी पहल को आगे बढ़ाते हुए भारत की जन्नत कही जाने वाली ज़मीन जम्मू कश्मीर की सरकार ने एक बड़ा सराहनीय कदम उठाया है.
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फूलों की नर्सरी तैयार कर रहीं SHG महिलाएं
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केंद्र शासित प्रदेश (Jammu kashmir news) जम्मू और कश्मीर में स्थित बडगाम में, एक स्वयं सहायता समूह (Self help groups in jammu kashmir) ने उम्मीद योजना के तहत एक फूल नर्सरी शुरू की है, जिसका उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना और उन्हें आय का एक स्थायी स्रोत प्रदान करना है. इस प्रयास का उद्देश्य बीके पोरा गांव में महिलाओं को एक स्थिर वित्तीय आधार प्रदान करना और उनमें आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है.
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फूल नर्सरी परियोजना महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के साथ-साथ देशी पौधों की प्रजातियों के संरक्षण और स्वदेशी वनस्पतियों को बढ़ावा देने में योगदान देकर दोहरे उद्देश्य को पूरा करती है. उद्यम की स्थिरता और लाभप्रदता सुनिश्चित करने के लिए Self help group के सदस्यों ने नर्सरी प्रबंधन, पौधे प्रसार तकनीक और विपणन रणनीतियों में प्रशिक्षण लिया है.
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सशक्तिकरण की ओर SHG महिलाएं बढ़ा रहीं कदम
इस फूल नर्सरी की स्थापना करके, बडगाम की ग्रामीण महिलाएं ना केवल अपने और अपने परिवार के लिए आय सुरक्षित कर रहीं है, बल्कि अपने समुदाय में सुंदरता को बढ़ाने और स्थानीय जैव विविधता के संरक्षण में भी योगदान दे रहीं हैं. नर्सरी में उगाए गए फूलों को बहुत तरीके से प्रयोग में लाया जा सकता है, जैसे, सजावट, उपहार, या भूनिर्माण परियोजनाएँ.
यह पहल महिला सशक्तिकरण (women empowerment in india) और ग्रामीण विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहीं है, जो महिलाओं को आर्थिक आत्मनिर्भरता हासिल करने और स्थानीय अर्थव्यवस्था में सक्रिय रूप से शामिल होने में सक्षम बनाती है. ग्रामीण महिलाओं के बीच उद्यमशीलता और नवाचार को भी बढ़ावा देता है, जिससे उन्हें अपनी क्षमता का पता लगाने और अपने समुदाय की वृद्धि और विकास में योगदान करने का अवसर मिलता है.
बडगाम जिले के बी.के.पोरा गांव में फूलों की नर्सरी की स्थापना न केवल रोजगार के अवसर पैदा करेगी बल्कि अन्य समुदायों के अनुकरण के लिए एक मॉडल के रूप में भी खड़ी होगी. इस प्रकार की पहल कश्मीर घाटी के ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को स्टार्टअप शुरू करने के लिए प्रेरित कर रही है, जिससे इन समुदायों में आर्थिक प्रगति और आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा मिल रहा है.