उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखनऊ (Lachnow) में लिए गए निर्णय में सरकार ने पॉयलट प्रोजेक्ट (Pilot Project) के तहत यह शुरुआत की. प्रदेश के सभी 75 जिले में यह शुरू होगा. इस काम में SHG की महिलाएं घर-घर जा कर लगे हुए मीटर्स (Meters) की रीडिंग (Reading) लेंगीं. इसी आधार पर बिजली के बिल जनरेट होंगे.
हर जिले में एक पंचायत से होगी शुरुआत
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) ने पॉयलट प्रोजेक्ट (Pilot Project) के तहत 75 जिलों (Districts) को ही कवर किया. इसमें हर जिले की एक-एक पंचायत में यह शुरुआत होगी. आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूह को इस काम के लिए चुना. सूची तैयार कर ली गई. पॉवर कॉर्पोरेशन के
सुपरिंडेंटेंट इंजिनियर (SE) (कलेक्शन) वीपी सिंह (VP Singh) ने बताया- "मीटर रीडिंग काम के लिए सभी विद्युत वितरण निगमों के मैनेजिंग डायरेक्टर को 75 विद्युत सखियों की सूची भेज दी. इन सभी को उनके क्षेत्र के लिए आईडी बनवाने और मीटर रीडिंग का काम शुरू कराने के लिए कहा है."
यह सभी नामों की सूची स्टेट स्टेट आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) के अधिकारियों ने उपलब्ध करवाई. यह मीटर रीडर सखी (Meter Reader Sakhi) कहलाएंगी.
बिजली मीटर (Image Credits :TOI)
बढ़ रही सखियों की जवाबदारी
पूरे देश में इन दिनों स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) से महिलाओं को जोड़ना और उन्हें रोजगार के नए मौके देने का काम अलग-अलग प्रदेशों की सराकरें कर रहीं. अभी तक बैंक सखी (Bank Sakhi), हेल्थ सखी (Helth Sakhi), टेक्सी वसूली सखी (Tax Sakhi), नल कर सखी जैसे काम भी महिलाएं ही गांव (Village) और पंचायतों (Panchayt) में कर रहीं हैं. अब यह नवाचार यदि सफल रहा तो संभवतः पूरे देश में यह काम भी महिलाओं को दिया जा सकता है.