राजस्थान (Rajsthan) के जयपुर (Jaipur) जिले के सांभर ब्लॉक (Sambhar Block) की रहने वाली गायत्री देवी (Gayatri Devi) ने पानी की कीमत को न केवल पहचाना बल्कि आसपास के गांव की महिलाओं को 'जल साक्षर' कर दिया. नतीजा यह हुआ कि गायत्री देवी (Gayatri Devi) को राष्ट्रपति (President) द्रोपदी मुर्मू (Dropadi Murmu) ने ’स्वच्छ सुजल शक्ति’ (Swachh Sujal Shakti Award) से नवाज़ा.
जूनून से बदल दी बंज़र तस्वीर
जयपुर के सांभर में भीषण गर्मी और बंज़र ज़मीन के बीच गायत्री देवी के जूनून ने पूरी तस्वीर बदल दी. गायत्री देवी कहती है - "मैंने देखा सिंचाई तो दूर की बात पीने के पानी के लिए भी संघर्ष महिलाओं को करना पड़ता था. यह स्थिति आसपास के गांवों की भी थी. मेहनती लोग भी पानी के आभाव में खेती अच्छे से नहीं कर पाते. मैंने 15 आसपास के गांव में 65 स्वयं सहायता समूह (Self Help Group)बना कर महिलाओं को जोड़ा. देखते ही देखते हर गांव-खेत में तालाब नज़र आने लगे."
आखिर राजस्थान (Rajsthan) सरकार का ध्यान भी इस ओर गया. पानी को तरसते इस पूरे सूखे इलाके इस जल योद्धा गायत्री देवी को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू (Dropadi Murmu) ने नई दिल्ली (New Delhi) के विज्ञान भवन में ’स्वच्छ सुजल शक्ति’ (Swachh Sujal Shakti Award) 2023 से सम्मानित किया.
वाटर मैनेजमेंट की बनाई मिसाल
गायत्री देवी आगे बताती है - "यहां इलाके में फ्लोराइड प्रदूषित पानी भी कई गांव के लोग मजबूर थे. मैंने 'खेत तलाई' की योजना और पानी अनमोल है जैसे विषय पर 15 गांव में काम किया. प्लास्टिक की मोटी शीट बिछा कर तालाब बनाए. ख़ुशी है कि हमारे यहां वाटर लेवल बढ़ा. खेती को नया जीवन मिला."
गायत्री देवी ने पिछले कई सालों से जयपुर की ग्राम चेतना केंद्र संस्था के साथ मिलकर यह मुहीम शुरू की. इस संस्था के मीणा बताते है- "जब सफलता मिलने लगी. बारिश का पानी भी बूंद-बूंद बचाया. इसके बात स्वयं सहायता समूह (Self Help Group)की महिलाओं को फाइनेंशियल लिट्रेसी (Financial Litracy)में भी ट्रेन किया."