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Image: Ravivar Vichar
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पशु सखियों को ट्रेनिंग के ज़रिये आधुनिक तकनीक और सही जानकारी से जोड़ा जा रहा है. इसी दिशा में राजीव गांधी पशु चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (RIVER) ने अहम पहल की.
Image Credits: Rajiv Gandhi College of Veterinary and Animal Sciences
हाल ही में विल्लियानूर ब्लॉक में महिला स्वयं सहायता समूहों (women self help groups) के लिए 'डेयरी गायों में कृत्रिम गर्भाधान' (Artificial Insemination in Dairy Cows) पर 12 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया. RIVER के डीन, वी. सेजियन, ने RIVER के स्त्री रोग एवं प्रसूति विभाग द्वारा आयोजित और जिला ग्रामीण विकास प्राधिकरण द्वारा फंडेड इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की.
DRDA के परियोजना निदेशक और राज्य मिशन निदेशक, जी. सत्यमूर्ति और विल्लियानूर के खंड विकास अधिकारी वैशाख बागी शामिल हुए.
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विल्लियानूर की ग्रामीण महिला उद्यमियों (rural women entrepreneur) के सत्र का नेतृत्व रिवर से एस. कंथाराज, के. मुरुगावेल और एच. हेमलता ने किया.
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इस ट्रेनिंग के ज़रिये इन महिलाओं को डेयरी गायों के लिए कृत्रिम गर्भाधान तकनीकों से जुड़ा ज़रूरी कौशल और ज्ञान मिला. इस प्रशिक्षण ने उन्हें डेयरी फार्मिंग क्षेत्र में सक्रिय रूप से भाग लेने और योगदान करने के लिए तैयार किया. कृत्रिम गर्भाधान में विशेषज्ञता हासिल करके, ये महिलाएं डेयरी गायों की प्रजनन क्षमता को बढ़ा सकेंगी, जिससे दूध उत्पादन में सुधार होगा.
रविवार विचार (Ravivar vichar) का मानना है कि इस तरह के प्रशिक्षणों को बढ़ावा देने से पशु चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में लैंगिक समावेशन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे महिलाओं के लिए कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाने के अवसर पैदा होंगे.
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